प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाने से पहले निर्वाचन आयोग की अनुमति ली गई

प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाने से पहले निर्वाचन आयोग की अनुमति ली गई

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने के मद्देनजर प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाने से पहले निर्वाचन आयोग की अनुमति ली है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग ने 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क और 550 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की शर्तों के तहत प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाने के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति ली है। सरकार ने शनिवार को प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया था।

इस फैसले से बड़ी संख्या में किसानों को मदद मिलेगी। यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जबकि महाराष्ट्र सहित कई प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है। सरकार 550 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (लगभग 46 रुपये प्रति किलोग्राम) के साथ ही 40 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया है। 

इस शुल्क को देखते हुए 770 डॉलर प्रति टन या 64 रुपये प्रति किलोग्राम से कम भाव पर प्याज निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटाने का निर्णय उपभोक्ता मामलों के विभाग की सिफारिश पर लिया गया है। विभाग देश में प्याज की उपलब्धता और कीमत की स्थिति पर नजर रखता है। पिछले साल आठ दिसंबर को केंद्र ने उत्पादन में संभावित गिरावट की चिंताओं के बीच खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

पिछले 4-5 साल के दौरान देश से सालाना 17 लाख से 25 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने शनिवार को कहा कि प्रतिबंध हटने से खुदरा बाजार में कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘कीमतें स्थिर रहेंगी। अगर कोई बढ़ोतरी होती है, तो यह बहुत मामूली होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

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