प्रत्याशियों के चयन को लेकर असमंजस की स्थिति में दिखाई पड़ रही बसपा 

प्रत्याशियों के चयन को लेकर असमंजस की स्थिति में दिखाई पड़ रही बसपा 

भदोही, अमृत विचार। भदोही संसदीय सीट पर बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशियों के चयन को लेकर लगता है कि असमंजस की स्थिति में है। चुनावी महासमर में वोट बैंक के गणित को साधने के लिए बसपा ने 20 दिनों के अंदर दूसरी बार प्रत्याशी बदला है। 

भदोही संसदीय सीट के लिए पार्टी ने पहली बार अतहर अंसारी को प्रत्याशी घोषित किया था। उनकी पत्नी भदोही नगर पालिका की चेयरमैन हैं। माना जा रहा था कि अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने के लिए ही पार्टी ने अतहर अंसारी को उम्मीदवार अधिकृत किया था। बाद में पार्टी ने संगठन के मंडल कोऑर्डिनेटर रहे इरफान अहमद बबलू को मैदान में उतारा। पार्टी द्वारा टिकट काटे जाने के प्रश्न पर अतहर अंसारी ने बताया कि उनके बेटे का स्वास्थ्य ठीक नहीं है इसलिए उन्होंने खुद ही चुनाव न लड़ने की इच्छा प्रकट की थी। हालांकि अतहर अंसारी का टिकट कटने पर चुनावी गणित के महारथियों ने अपने-अपने अंदाज में अलग-अलग तरह से टिप्पणियां दी। 

बताया जाता है कि इरफान भाई पार्टी से नामांकन करने की तैयारी में जुटे थे कि पार्टी के कैंप कार्यालय लखनऊ से राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम द्वारा प्रत्याशी बदले जाने की सूचना जारी करते हुए हरिशंकर सिंह उर्फ दादा चौहान को अधिकृत कर दिया गया। बताया जाता है कि दादा चौहान बसपा से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। चार बार जिलापंचायत सदस्य रह चुके दादा चौहान अभी पार्टी संगठन के मीरजापुर के प्रभारी भी है। पार्टी की स्थानीय इकाई के सूत्रों की मानें तो इरफान अहमद मजबूती के साथ चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं थे इसलिए उनका टिकट काटा गया है।

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