मुरादाबाद : वाहन परमिट फीस 2600 रुपये, ट्रांसफर को वसूली 2.5 लाख...11 साल से बंद हैं परमिट बनना

संभागीय परिवहन विभाग में 11 साल से बंद हैं परमिट बनना, ट्रांसफर को हो रही मोटी सौदेबाजी

मुरादाबाद : वाहन परमिट फीस 2600 रुपये, ट्रांसफर को वसूली 2.5 लाख...11 साल से बंद हैं परमिट बनना

मुरादाबाद, अमृत विचार। संभागीय परिवहन विभाग में ऑटो रिक्शा के लिए यात्री परमिट बनाने से लेकर ट्रांसफर करने तक मोटा शुल्क वसूली का खेल चल रहा है। कार्यालयों में तैनात संविदा कर्मचारी परमिट ट्रांसफर के आवेदन पर दो से ढाई लाख रुपये की सौदेबाजी कर रहे हैं। जबकि यात्री परमिट की फीस मात्र 2600 रुपये है, जिसमें 600 रुपये रजिस्ट्रेशन और 2000 रुपये ऑनलाइन फीस जमा कराने प्रावधान है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार पिछले 11 साल से मुरादाबाद सिटी सेंटर के लिए परमिट पर रोक है।

मुरादाबाद और नया मुरादाबाद सेंटर के पुराने परमिट ट्रांसफर कराने में जिलाधिकारी की टेबल से होकर लेखपाल की रिपोर्ट और तहसीलदार के हस्ताक्षर तक की व्यवस्था की गारंटी सौदेबाजों के द्वारा ली जाती है। जिसके एवज में वाहन स्वामी से डेढ़ से दो लाख रुपये तक ले लिए जाते हैं। कार्यालय में ही वाहन स्वामी से सौदेबाजी होती है। हालांकि विभाग में चल रही वसूली से अधिकारी खुद को अनजान बताते हुए जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।

मुरादाबाद संभागीय परिवहन विभाग में ऑटो रिक्शा के लिए यात्री परमिट बनवाने वाले वाहन स्वामी को पहले परमिट बनवाना पड़ता है। उसके बाद वाहन खरीदा जाता है। ऐसे में वाहन स्वामी आरटीओ कार्यालय में प्रार्थना पत्र देता है। जिसके बाद उसे निजी कर्मचारी कई तरह की जानकारी देते हैं। जिसमें वो उसे सारी कार्रवाई करने की डेढ़ से दो लाख की फीस बताते हैं।

परिमट मुरादाबाद सिटी का लेना हो तो उसके दाम और बढ़ जाते हैं। हालांकि अभी मुरादाबाद सेंटर के दोनों परमिट बंद हैं। विभागीय कर्मचारी तब तक वाहन स्वामी से बात नहीं करते जब तक सौदा तय नहीं हो जाता। वहीं परमिट ट्रांसफर करने वाले को बताया जाता है कि ट्रांसफर के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली तिमाही बैठक में पास कराना है।

जिसमें जिलाधिकारी द्वारा तहसील के लेखपाल की सत्यापन रिपोर्ट में लगने वाले समय और पैसे हवाला दिया जाता है। जिससे आवेदनकर्ता से मोटा शुल्क वसूला जा सके। जिसकी एवज में वाहन स्वामी को तीन महीने में बनने वाला परमिट 15 दिन में दे दिया जाता है। मुरादाबाद में चार सेंटर बनाए गए हैं। मुरादाबाद सेंटर, नया मुरादाबाद सेंटर, डिलारी और कांठ सेंटर समेत हर जगह के परमिट की फीस अलग बताई जाती है। हालांकि मुरादाबाद के दोनों सेंटर पुलिस अधिकारियों की शहर में ऑटो रिक्शा से जाम लगने की रिपोर्ट पर काफी समय बंद हैं।

ऐसा कुछ हमारे संज्ञान में नहीं आया है। यदि कोई कर्मचारी परमिट के नाम वसूली करता पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय सख्त कार्रवाई के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। विभाग में कोई निजी कर्मचारी भी कार्य नहीं कर रहा है। कोई एजेंट कर्मचारी या अधिकारी के नाम पर वसूली कर रहा है तो उसकी जांच करके उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने पूरे संभाग में 6000 परमिट जारी किए हैं। जिसमें व्यावसायिक में निजी बसें, ट्रक टाटा मैजिक व यात्री माल वाहक के परमिट भी शामिल हैं। -राकेंद्र सिंह, आरटीओ

ऑटो रिक्शा और स्कूल वाहनों के परमिट

  • मुरादाबाद व नया मुरादाबाद सेंटर -1700 परमिट
  • कांठ सेंटर -250 परमिट
  • डिलारी सेंटर -250 परमिट
  • स्कूली वाहन-800 परमिट
  • पूरे मंडल में-   6000 परमिट

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