हल्द्वानी: पारा चढ़ने पर गिर रहा है गौला का जलस्तर, बढ़ेगा जलसंकट

हल्द्वानी: पारा चढ़ने पर गिर रहा है गौला का जलस्तर, बढ़ेगा जलसंकट

हल्द्वानी, अमृत विचार। गर्मी बढ़ते ही गौला का जलस्तर लगातार गिरते जा रहा है जिससे बैराज को मिलने वाली पानी पर संकट बढ़ता जा रहा है। जहां पिछले साल अप्रैल माह में गौला का जलस्तर 120 क्यूसेक दर्ज किया गया था, वहीं इस साल यह गिरकर 90 क्यूसेक पर आ गया है। बारिश न होने पर आने वाले महीनों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।

पिछले साल 1 जून को बैराज का जलस्तर 98 क्यूसेक दर्ज किया गया था लेकिन इस साल 1.5 माह पहले ही यह इससे नीचे आ गया है।  गौला से बैराज को मिलने वाले पानी से प्रतिदिन 30 क्यूसेक पानी जल संस्थान को दिया जाता है जिसे शीशमहल फिल्टर प्लांट में साफ कर शहर के आधे हिस्से को पानी की आपूर्ति की जाती है।

साथ ही शेष पानी को सिंचाई विभाग बैराज से नहरों के माध्यम से गौलापार, रामपुर रोड, लालकुआं और कालाढूंगी रोड की कृषि भूमि को सींचने के लिए  उपलब्ध कराता है। इस साल पर्याप्त बारिश न होने के कारण गौला के जलस्तर में अप्रैल से ही काफी गिरावट देखने को मिल रही है जिससे पेयजल संकट के साथ ही सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता में लगातार कमी हो रही है। 

13 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि होती है सिंचिंत
1982 से बैराज से पानी की आपूर्ति शुरू हुई थी। तब से बैराज शहर के लोगों की प्यास बुझा रहा है और कृषि भूमि को भी सींचता आ रहा है। गौलापार व गौलावार के लिए निकली नहरों के जरिये लगभग 13 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है।

पानी का प्रेशर हो जाता है कम
जलस्तर कम होने से बैराज से मिलने वाले पानी का प्रेशर भी कम हो जाता है जिससे शहर के आखिरी छोर वाले घरों व ऊंचाई पर स्थित घरों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पाता है।  दमुवाढूंगा, बजूनियां हल्दू, गौजाजाली, तल्ली हल्द्वानी, इंद्रानगर, राजपुरा आदि क्षेत्रों में पानी की सबसे अधिक दिक्कत होती है।

बारिश न होने व गर्मी बढ़ने से पानी का वाष्पीकरण बढ़ता जा रहा है जिससे गौला का जलस्तर गिर रहा है। इस कारण बैराज को मिलने वाले पानी में काफी गिरावट आई है।

- मनोज तिवारी, जेई, सिंचाई विभाग, हल्द्वानी