Kanpur: बच्चों पर डायरिया व बुखार का हमला; उर्सला में बाल रोग विभाग के अधिकांश बेड फुल, रोज भर्ती हो रहे इतने बच्चे...

Kanpur: बच्चों पर डायरिया व बुखार का हमला; उर्सला में बाल रोग विभाग के अधिकांश बेड फुल, रोज भर्ती हो रहे इतने बच्चे...

कानपुर, अमृत विचार। शहर में गर्मी शुरू होते ही बच्चों की हालत पस्त होने लगी है। उर्सला के बाल रोग वार्ड में 90 प्रतिशत बेड फुल चल रहे हैं। बच्चों में सबसे अधिक डायरिया और मौसमी बुखार का हमला है। बच्चों के लिए अस्पताल में सिर्फ दो वेंटिलेटर की ही सुविधा है। 

मौसम में हो रहे बदलाव और गलत खानपान की वजह से बच्चों में डायरिया की समस्या बढ़ रही है। उर्सला अस्पताल के बाल रोग वार्ड में प्रतिदिन 12 से 15 बच्चे भर्ती किए जा रहे हैं, जिनमें सबसे अधिक डायरिया और वायरल बुखार से पीड़ित बच्चे शामिल हैं। उर्सला के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.सत्यम ने बताया कि मौसम में हो रहे बदलाव के कारण बच्चों में डायरिया की समस्या बढ़ी है। 

एक वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चों में उल्टी, दस्त, शरीर में पानी की कमी, पेट में दर्द, मरोड़, वजन कम होना, कमजोरी व डिहाइड्रेशन की समस्या अधिक हो रही है। खांसी, जुकाम व वायरल बुखार से ग्रस्त बच्चे भी वार्ड में भर्ती किए जा रहे हैं। बताया कि खानपान, मौसम में बदलाव, चाय, बिस्कुट, मोमोज, फिंगर, चिप्स, पिज्जा, व बर्गर खाने की वजह से बच्चों में पेट से संबंधित समस्या अधिक हो रही है। 

कुछ बच्चों के मुंह से निकले कीड़े 

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.सत्यम ने बताया कि माता-पिता कभी-कभी बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसकी वजह से वह फास्ट फूड या अन्य चीजों का सेवन कर लेते हैं और उसके बाद खेलते-खेलते हाथ को मुंह या चेहरे के अन्य हिस्सों में लगा लेते है। गंदे पानी के सेवन से भी पेट में कीड़े की समस्या हो जाती है। हैरत की बात ये है कि कुछ बच्चों के मुंह से भी कीड़े बाहर आने की समस्या देखी गई है। 

सिर्फ दो वेंटिलेटर व सर्जन एक भी नहीं 

उर्सला के बाल रोग विभाग के वार्ड में सिर्फ दो वेंटिलेटर की ही सुविधा है, ऐसे में अगर दो से अधिक बच्चों को वेंटिलेटर की जरूरत होती है तो फिर अस्पताल प्रशासन के सामने समस्या खड़ी हो जाती है। उर्सला से गंभीर बच्चों को हैलट के बाल रोग अस्पताल या प्राइवेट अस्पताल ले जाने की सलाह दी जाती है। उर्सला अस्पताल में बाल रोग सर्जन की भी तैनाती नहीं है, जिसकी वजह से सर्जरी में भी दिक्कत होती है।

ऐसे करें बचाव

- बाहर के खाने और जंक फूड से परहेज करें
- कटे-फटे फल, बाहर का जूस न पिलाएं
- बच्चे को ताजा खाना खिलाएं
- दस्त होने पर ओआरएस का घोल दें
- पानी उबाल कर या फिल्टर कर ही पिलाएं
- गर्मी से बचाव और सफाई का ध्यान रखें

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