'नमक मोदी की मेहरबानी नहीं, आपके टैक्स का पैसा...गुमराह मत होना', पीलीभीत में बोलीं मायावती

'नमक मोदी की मेहरबानी नहीं, आपके टैक्स का पैसा...गुमराह मत होना', पीलीभीत में बोलीं मायावती

पीलीभीत, अमृत विचार: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश मायावती ने कहा कि देश में कुछ समय से अति गरीब परिवारों को अस्थायी तौर पर फ्री में जो थोड़ी सी खाद्य सामग्री दी जा रही है। उससे भला होने वाला नहीं है। ये भी पता चला है कि चुनाव के दौरान भाजपा, आरएसएस के लोग गांव गांव जाते हैं। 

अपना थैला लटकाते हैं और कहते हैं कि मोदी ने आपको खाद्य सामग्री दी है, दाल दी है, चावल दिया है और उसके साथ नमक भी दिया है। आपको मोदी जी का नमक जरुर हलाल करना है। ध्यान रखना ये नमक मोदी का नहीं बल्कि आपके टैक्स के पैसे का नमक है। इसमें मोदी की मेहरबानी नहीं है। ये आपका अपना टैक्स का पैसा है, गुमराह मत होना। देश की जटिल समस्या का समाधान राशन से नहीं हर हाथ को काम देने से होगा। हमारी सरकार इसका विशेष ध्यान देगी।

पीलीभीत के बसपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू, शाहजहांपुर सीट के प्रत्याशी डॉ.दोदराम वर्मा, ददरौल विधानसभा से उपचुनाव के प्रत्याशी सर्वेश चंद्र मिश्रा उर्फ धांधू के समर्थन में सोमवार दोपहर को बीसलपुर में हुई चुनावी सभा के दौरान बसपा अध्यक्ष मायावती ने वर्तमान भाजपा और पूर्व की कांग्रेस की सरकारों पर जमकर सियासी वार किए। 

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस, भाजपा व अन्य किसी भी विरोधी पार्टी और गठबंधन के साथ मिलकर नहीं, बल्कि अकेले ही अपनी पार्टी के बलबूते पर पूरी तैयारी व दमदारी के साथ चुनाव लड़ रही है। टिकट बंटवारे को लेकर भी सर्वसमाज को उचित भागीदारी भी दी है। कहा कि आजादी के बाद शुरू में केंद्र व देश के काफी राज्यों में ज्यादातर सत्ता कांग्रेस के हाथों में केंद्रित रही है। 

अधिकांश मामलों में रही गलत नीतियों और अपनी गलत कार्यप्रणाली के कारण कांग्रेस को सत्ता के बाहर होना पड़ा।  यही स्थिति इनकी सहयोगी पार्टियों की भी बनी रही है। जिसकारण पिछले कई वर्षों से भाजपा व इनके सहयोगी दल केंद्र व कई राज्यों की सत्ता में काबिज हो गए हैं। मगर अब भाजपा की भी जातिवादी, पूंजीवादी, सांप्रदायिक व द्वेषपूर्ण नीतियों और कथनी -करनी के अंतर से ऐसा लगता है कि भाजपा भी केंद्र की सत्ता में आसानी से वापस आने वाली नहीं है। 

बशर्तें यदि ये चुनाव फ्री एंड फेयर हो या फिर आम चर्चा के मुताबिक वोटिंग मशीनों में कोई गड़बड़ी आदि न की जाए। भाजपा ने अब तक देश के विशेषकर गरीबों, कमजोर तत्वों, मध्यम वर्गों और अन्य मेहनतकश लोगों को जिन्हें अच्छे दिन के वादे किए और कागजी गारंटी भी दी है। उनका जमीनी हकीकत में अभी तक भी लगभग एक चौथाई काम भी पूरा नहीं किया है। जनसभा में हुई भीड़ को देख मायावती ने लोगों का आभार जताया। बोलीं- यहां इकट्ठा हुई अपार भीड़, पीछे तक भीड़ नजर आ रही है। भीड़ के जबरदस्त जोश को देखकर ये भरोसा हो गया है कि लोकसभा आम चुनाव में बेहतर रिजल्ट जरुर लाएंगे।  

मतदाताओं से पूछा- 25-25 छोड़ो एक लाख भी आए क्या?
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि पिछली बार जब लोकसभा का आम चुनाव हुआ था। उससे पहले के चुनाव में भी भाजपा ने कहा था कि जब भाजपा केंद्र की सत्ता में आएगी तो पूरे देश में जो गरीब लोग हैं, बेरोजगार हैं।उनके खातों में 25-25 लाख रुपये भेजे जाएंगे।मैने पहले भी कई बार कहा आज फिर बताती हूं, भाजपा की सरकार में कितने गरीब मजदूरों के खाते में एक लाख रुपये भी आया है? अ

ब कांग्रेस भी कहती है कि उनकी पार्टी पावर में आ गई तो महिलाओं को हर साल एक लाख दिया जाएगा। लेकिन जहां जहां कांग्रेस पावर में है।  पहले भी सत्ता में रही तो कितनी महिलाओं को एक लाख रुपया दिया?  ये चुनाव के समय बढ़िया बढ़िया हवा हवाई वादे करते हैं। वादों की आढ़ में गुमराह करते हैं। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद चुनाव में किए वादों का एक चौथाई काम भी नहीं किया है। 

अपने चहेते बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों को ही ज्यादा से ज्यादा धनवान बनाने और छूट देने व बचाने में लगे रहे। इसका काफी खुलासा बॉन्ड की रिपोर्ट से भी हो जाता है।  ऐसा लगता है कि कांग्रेस की तरह भाजपा ने भी केंद्र की तमाम जांच एजेंसियों का राजनीतिकरण कर दिया है।

किसानों को भी साधने का किया प्रयास
मायावती ने किसानों को साधने का भी प्रयास किया। देश का किसान भाजपा की सरकार में दुखी और परेशान हैं।  जबकि यूपी में चार बार रही बसपा सरकार ने इनके हितों का हर स्तर पर ध्यान रखा। ये मालूम होगा कि यूपी में जब जब हमारे नेतृत्व में सरकार बनी तो हमारी सरकार ने किसानों के हर मामले में हित का ध्यान रखा। पीलीभीत शाहजहांपुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान हैं और खेती करते हैं। 

उन्हें पूरी सुविधा नहीं मिलती थी। गन्ना किसानों को भी मेरी सरकार में उचित दाम दिया गया।  अभी तक पूर्व या वर्तमान की सरकार ने भी गन्ने के उचित दाम बढ़ाकर नहीं दिए। इतना ही नहीं भाजपा ने भी कांग्रेस की तरह पूंजीवादी सोंच व नीतियों के चलते पूरे देश में सर्वसमाज से खासकर दलितों, गरीबों, आदिवासियों, पिछड़े एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज का उत्थान और विकास नहीं हो सका।  किसान भी आए दिन आंदोलनरत रहता है। अब गारंटी काम में आने वाली नहीं है।

वर्षों से अधूरा पड़ा आरक्षण का कोटा भी पूरा नहीं भरा
आरक्षण पर बोलते हुए मायावती ने कहा कि ये मालूम है कि दलित, पिछड़े, आदिवासियों का विपक्षी दलों की सरकारों में  नौकरी में वर्षों से अधूरा पड़ा आरक्षण का कोटा भी पूरा नहीं भरा गया है। विशेषकर एससी और एसटी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों का पदोन्नति में आरक्षण भी अब काफी हद तक प्रभाव हीन बना दिया है। ज्यादातर सरकारी कार्य प्राइवेट सेक्टर के जरिए पूंजीपतियों और धन्नासेठों को देने से पूरे देश में आरक्षण का कम लाभ ही मिल पा रहा। इन वर्गों का अन्य मामलों में भी शोषण उत्पीड़न बंद नहीं हुआ।

जनसभा में ये प्रमुख लोग रहे मौजूद
मंडल प्रभारी राजकुमार गौतम, जाफर मलिक, ब्रह्मस्वरूप सागर, ओमकार कातिब, रामसनेही गौतम, विजय वर्मा, मुन्नालाल कश्यप, पीलीभीत जिलाध्यक्ष भगवान सिंह गौतम, शाहजहांपुर जिलाध्यक्ष डा.राधेश्याम भारती, जिला प्रभारी पीलीभीत चंद्रशेखर आजाद , गंगाराम सागर, शाहजहांपुर जिला प्रभारी बलकरन गौतम, सन्तनपाल, शकील अहमद खां उर्फ गुड्डू, एमएस फरीदी एडवोकेट, अहमद रजा खां, मोहम्मद रजा अंसारी, अनीस बेग आदि।

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