शाहजहांपुर: प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों का हंगामा

शाहजहांपुर: प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों का हंगामा

निगोही/शाहजहांपुर, अमृत विचार। प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। इसके बाद गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर और उनकी टीम पर सीधे तौर पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा देकर शांत कराया।  दोपहर में दोनों पक्षों में समझौता होने पर परिजन बिना किसी कार्रवाई के शव लेकर गांव को लौट गए। 

गांव मुंडी निवासी प्रेमपाल ने बताया कि गुरुवार रात करीब नौ बजे वह अपनी विटोली देवी को प्रसव पीड़ा होने पर निगोही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर जा रहा था। पीड़ित ने बताया कि उसे निगोही में कैमुआ पुल के पास स्थित विनायक अस्पताल के डॉक्टर व मालिक पीलीभीत के थाना बीसलपुर के गांव खन्नका उचसिया निवासी शिवरतन सिंह रोक लिया। डॉक्टर ने कहा कि मेरा अस्पताल अच्छा है। डॉक्टर के भरोसे पर प्रेमपाल ने अपनी पत्नी विटोली देवी को अस्पताल में भर्ती करा दिया और डिलीवरी का इंतजार करने लगा।

पीड़ित ने बताया कि अस्पताल में उससे 15 हजार रुपये जमा करा लिए गए। शुक्रवार तड़के करीब चार बजे डॉक्टर अपनी टीम के साथ विटोली को ऑपरेशन थियेटर में लिए गए। आरोप लगाया कि वह उनकी बिना मर्जी के पत्नी के पेट में चीरा लगा दिया। जिससे पत्नी और नवजात की मौके पर ही मौत हो गई। 

जैसे ही प्रेमपाल को उसकी पत्नी व नवजात की मौत की जानकारी हुई वह सुधबुध खो बैठा और उसने डॉक्टर और उनकी पूरी टीम पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। जानकारी मिलते ही सुबह करीब छह बजे प्रेमपाल के परिजन अन्य रिश्तेदार और पीलीभीत के थाना बरखेड़ा के गांव उमरिया से भी मृतका के मायके वाले अस्पताल पहुंच गए और डॉक्टर के लिए कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। 

इसके बाद पीड़ित की सूचना पर थानाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह भारी संख्या में पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंच गए और हंगामा कर रहे लोगों को कार्रवाई का भरोसा देकर शांत किया। सुबह करीब छह से 9:30 बजे तक हंगामा चलता रहा। बाद में पीड़ित प्रेमपाल ने मामले में अस्पताल के मालिक शिवरतन सिंह व पूरे स्टाफ के खिलाफ तहरीर देकर सुसगंत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। 

इसके बाद डॉक्टर पक्ष के लोगों ने मामले को सुलझाने के लिए पीड़ित परिवार को समझाना शुरू कर दिया। दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद पीड़ित ने डॉक्टर और उसकी टीम के खिलाफ कार्रवाई से इंकार कर दिया। समझौता होने के बाद परिजन शव लेकर गांव को चले गए। मृतका के तीन बेटियां  खुशबू 10 वर्ष, मंजू 8 वर्ष, सेजल दो वर्ष हैं।  

प्रेमपाल अपनी पत्नी को मुझे दिखाने लाए थे मैंने मना कर दिया था। शाहजहांपुर लिए ले गए थे, रास्ते में जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। आरोप मुझ पर लगा दिया। क्षेत्र के लोगों ने समझौता करा दिया है---डॉ. शिवरतन, विनायक अस्पताल।

पीड़ित पक्ष की ओर से तहरीर नहीं दी गई है और न ही किसी तरह की कार्रवाई के बारे में कहा गया है। दोनों पक्षों में समझौता हो जाने पर पीड़ित ने कार्रवाई से इंकार कर दिया---अशोक कुमार सिंह, थानाध्यक्ष, निगोही।

हम लोगों का समझौता हो गया है, जो होना था सो हो गया। अब हम किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहते है, इस संबंध में पुलिस को भी बता दिया है। वह शव की चीरफाड़ नहीं कराना चाहता था---प्रेमपाल, पीड़ित।

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