बरेली: वसूली का खेल...वर्दी की वजह से पकड़े गए तो अपना ड्रेस कोड ही बदल लिया

सफेद शर्ट और नीली पैंट पहनने का है निदेशायलय का आदेश लेकिन अब खाकी पहन रहे हैं टीआई और टीएसआई

बरेली: वसूली का खेल...वर्दी की वजह से पकड़े गए तो अपना ड्रेस कोड ही बदल लिया

दिग्विजय मिश्रा, बरेली। शहर में जाम की समस्या जितनी पुरानी है, उतना ही ट्रैफिक पुलिस का वसूली का खेल। ड्यूटी कागजों में कहीं और होती है, वसूली के चक्कर में ट्रैफिक पुलिस के जवान कहीं और नजर आते हैं। कुछ दिन पहले एसएसपी और आईजी ने भी सेटेलाइट पर ड्यूटी छोड़कर ट्रैफिक पुलिस के जवानों को वीरांगना चौक पर ''चेकिंग'' करते पकड़ा था। इसके बाद भी वसूली का खेल ज्यादा दिन नहीं रुक पाया। दोबारा पकड़ में आने से बचने के लिए ट्रैफिक पुलिस के टीआई और टीएसआई ने अपनी वर्दी ही बदल ली है और वसूली का खेल दोबारा शुरू हो गया है।

शहर में स्मार्ट सिटी के तहत आई ट्रिपल सी प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद ट्रैफिक पुलिस को काफी समय पहले ही वाहनों की चेकिंग और चालान काटने की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था। ट्रैफिक इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और सिपाहियों की ड्यूटी शहर के उन चौराहों पर लगाने का निर्देश दिया गया था जो स्थाई रूप से जाम की समस्या से जूझते हैं। चेकिंग के नाम पर वसूली का खेल जारी रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस यह आदेश जारी होने के बावजूद खुद वाहन चेकिंग करती रही। अफसरों की साठगांठ से कागजों में जरूर उनकी ड्यूटी जाम वाले इलाकों में लगाई जाती रही। 

तत्कालीन एसपी ट्रैफिक राममोहन सिंह के समय में तो आई ट्रिपल सी के जरिए होने वाले चालान की प्रक्रिया तक को रोक दिया गया था। कमिश्नर ने यह खेल पकड़ने के बाद कड़ी नाराजगी भी जताई थी। इसके कुछ ही दिन बाद राममोहन सिंह का ट्रांसफर हो गया लेकिन वसूली का खेल नहीं रुका। पिछले महीने एसएसपी और आईजी ने वीरांगना चौक पर ट्रैफिक पुलिस के सबइंस्पेक्टर के साथ कई जवानों को वाहन चेकिंग करते हुए पकड़ा था। 

पूछताछ करने पर पता चला था कि उनकी ड्यूटी सेटेलाइट तिराहे पर जाम न लगने देने के लिए लगाई गई थी लेकिन अपना ड्यूटी प्वाइंट छोड़कर वीरांगना चौक पर चले आए थे। इस पर एसएसपी ने मौके से ही फोन करके एसपी ट्रैफिक शिवराज पर कड़ी नाराजगी जताई थी। एसपी ट्रैफिक को इसके बाद वायरलेस पर मेसेज जारी करना पड़ा था कि चालान काटना या चेकिंग करना ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की जिम्मेदारी नहीं है, इसलिए वे हर हालत में अपने ड्यूटी प्वाइंट पर ही रहें और शहर में जाम न लगने दें।

इसके बाद ट्रैफिक पुलिस के जवान अपने-अपने ड्यूटी प्वाइंट पर नजर आना शुरू हुए लेकिन यह सिलसिला एक सप्ताह ही चल पाया। इसके बाद उन्होंने शहर के बाहरी इलाकों में चेकिंग करते हुए अफसरों की पकड़ से आने से बचने का रास्ता निकाल लिया और सफेद कमीज और नीली पैंट का ड्रेस कोड छोड़कर खाकी पहननी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि टीआई और टीएसआई की ओर से इसके लिए एसपी ट्रैफिक से ही अनुमति ली है। टीआई और टीएसआई ने इससे पहले पूर्व एसपी ट्रैफिक राममोहन सिंह से भी यही अनुमति मांगी थी लेकिन उन्होंने ऊपर के आदेश का हवाला देकर इन्कार कर दिया था।

क्लीन चीट : ड्यूटी थी सेटेलाइट पर, अफसरों ने पकड़ा वीरांगना चौक पर, फिर भी क्लीन चिट
एसएसपी के नाराजगी जताने के लिए एसपी ट्रैफिक ने ड्यूटी छोड़कर वीरांगना चौक पर चेकिंग करते पकड़े गए टीएसआई और उनके साथ मौजूद जवानों से ट्रैफिक इंस्पेक्टर के जरिए स्पष्टीकरण मांगा था। इन सभी को जारी पत्र में स्वेच्छाचारिता और डयूटी के प्रति लापरवाही का आरोप लगाया गया था। स्पष्टीकरण मिलने के बाद एसपी ट्रैफिक ने इन सभी को क्लीन चिट दे दी है।

ट्रेंड टीएसआई साइड लाइन और अनट्रेंड कोटीआई का चार्ज, ट्रैफिक पुलिस में खींचतान
वसूली के खेल की वजह से करीब एक महीने से ट्रैफिक पुलिस में लगातार खींचतान भी चल रही है। दरअसल एक टीआई और पांच टीएसआई सिविल पुलिस के हैं जिनमें सिर्फ टीआई की ही तैनाती यातायात निदेशालय ने की है। पांचों टीएसआई न निदेशालय से तैनात किए गए हैं, न स्पेशल ट्रेनिंग की है। इसके साथ पीएसी के भी 25 टीएसआई है जिनमें से 22 की ही नियुक्ति निदेशालय ने की है। ये सभी कोर्स भी किए हुए हैं और वरिष्ठ भी हैं। इसके बावजूद टीआई का चार्ज उनके बजाय अनट्रेंड टीएसआई को दे दिया गया है। इस कारण अंदरखाने जबर्दस्त खींचतान चल रही है। हद यह है कि मुख्य आरक्षी से प्रमोट हुए कई टीएसआई को भी टीआई का चार्ज दे दिया गया है।

चार साल से लागू है ड्रेस कोड
ट्रैफिक पुलिस में पहले सिर्फ हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल पर सफेद शर्ट के साथ नीली पैंट पहनने का आदेश लागू था लेकिन 1 दिसंबर 2019 को तत्कालीन एडीजी ने इसमें बदलाव कर यह आदेश इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के लिए भी प्रभावी कर दिया ताकि ट्रैफिक पुलिस की वर्दी में समानता और एकरूपता लाई जा सके।

वे खाकी वर्दी भी पहन सकते हैं, उनके मैनुअल में जो है वही कर रहे हैं। खाकी और सफेद दोनों पहन सकते हैं। इसमें कोई आपत्ति नहीं है - शिवराज, एसपी ट्रैफिक।

टीआई पहले से खाकी पहनते हैं। टीएसआई का देख लेते हैं ड्रेस कोड क्या है। कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल सफेद शर्ट में ही दिख रहे हैं - घुले सुशील चंद्रभान, एसएसपी।

ये भी पढ़ें-बरेली: महंगा सफर...वंदे भारत एक्सप्रेस को नहीं मिल रहे यात्री, देहरादून से लखनऊ तक किया जा रहा संचालन