हल्द्वानी: चढ़ते पारे से कुत्तों का भी बढ़ने लगा पारा 

हल्द्वानी: चढ़ते पारे से कुत्तों का भी बढ़ने लगा पारा 

हल्द्वानी, अमृत विचार। गर्मी बढ़ने के साथ ही पालतू जानवरों में भी डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) की शिकायत होने लगती है। खासकर इन दिनों कुत्तों को बुखार, पेट दर्द, उल्टी, डायरिया आदि की समस्या होने लगती है, जिससे उनमें चिड़चिड़पन बढ़ जाता है। ऐसे में, कोई उन्हें छेड़ता या चिढ़ाता है तो वे काटने को आते हैं। 

पशु चिकित्सकों के मुताबिक, कुत्ते के काटने के मामलों में अप्रैल से जून तक बढ़ोतरी हो जाती है, क्योंकि गर्मी बढ़ने के कारण उनके स्वभाव में भी बदलाव आने लगता है। बताया कि गर्मियों में कुत्तों को हीट स्ट्रोक (लू) लगने की आशंका ज्यादा होती है।  

कालाढूंगी रोड स्थित पशु अस्पताल के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके पाठक ने बताया कि मनुष्य की तुलना में कुत्तों के शरीर का तापमान अधिक होता है। मनुष्य अपने शरीर से पसीना बहाकर गर्मी से निजात पा लेते हैं लेकिन कुत्तों की त्वचा में पसीना ग्रंथि (स्वेट ग्लैंड्स) नहीं होती, जिससे वे पसीने के रूप में शरीर की गर्मी को बाहर नहीं निकाल पाते।

इससे वे चिड़चिड़े, बीमार व आक्रामक हो जाते हैं। ऐसे में, उन्हें छेड़ने पर वे काटने को आते हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोग अपने पालतू कुत्तों को नियमित वैक्सिन लगवाते हैं लेकिन सड़क के आवारा कुत्ते ज्यादा खतरनाक होते हैं।

खान-पान का रखें विषेश ध्यान
पशु चिकित्सकों के मुताबिक, गर्मियों में कुत्ते बेहद कम खाते हैं, इसलिए उन्हें संतुलित आहार देना चाहिए। उनके पास पीने का पानी हमेशा रखें। ज्यादा गर्मी होने पर दिन में एक से दो बार इलेक्ट्रोल या ग्लूकोज देना चाहिए। उन्हें छायादार स्थान में रखना चाहिए। ज्यादा हांफने पर उसके शरीर को गीले कपड़े से साफ करना चाहिए। उन्हें सुबह या शाम को ही घुमाएं। यदि वे थकान महसूस करें तो उन्हें डॉक्टर को दिखाना चाहिए।


गर्मी में प्यास ज्यादा लगने से वे पूरा दिन हांफते रहते हैं। जमीन गर्म होने से उनके पैर का तलवा जलने और छाले तक पड़ जाते हैं। इन सभी कारणों से कुत्ते अधिक आक्रामक हो जाते हैं।
- डॉ. अनुज अग्रवाल, पशु चिकित्सक