बलरामपुर: सुआंव नदी के किनारे बसे लोगों की बढ़ेगी मुसीबत, एनजीटी ने निर्धारित किया नदी का दायरा

बलरामपुर: सुआंव नदी के किनारे बसे लोगों की बढ़ेगी मुसीबत, एनजीटी ने निर्धारित किया नदी का दायरा

बलरामपुर, अमृत विचार। बलरामपुर नगर के बीच से बहते हुए उतरौला तहसील की तरफ जाने वाली सुआंव नदी के किनारे बसे लोगों का की मुसीबत बढ़ गई है। एनजीटी के निर्देश पर प्रशासन में नगरीय व देहात क्षेत्र में नदी की परिधि निर्धारित कर दी है। परिधि के अंदर किसी भी तरह के निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया है। पहले से परिधि के अंदर बने कई प्राइवेट व सरकारी संस्थानो का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है।

एसडीएम उतरौला अवधेश कुमार ने एनजीटी के निर्देश पर यह आदेश जारी करते हुए कहा है कि सुआंव नदी के किनारे नगरीय क्षेत्र में 50-50 मीटर तथा देहात क्षेत्र में 100-100 मीटर के अंदर किसी भी तरह का निर्माण कार्य अवैध माना जाएगा। एनजीटी ने पूर्व में पाटेश्वरी प्रसाद सिंह द्वारा दायर अपील के मद्देनजर यह आदेश दिया है।

बताते चलें कि वर्ष 2022 में आई भयंकर बाढ़ के दौरान सुआंव नदी मे हुए अतिक्रमण के कारण बलरामपुर शहर में भारी तबाही हुई थी। इसी को देखते हुए नदी का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है ।यह आदेश गत 19 मार्च से प्रभावी हो गया है। नदी के की निर्धारित परिधि के अंदर किसी भी तरह का निर्माण कार्य अब नहीं किया जा सकता। यदि कोई ऐसा करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ विधिख कार्यवाही की जाएगी। 

एनजीटी के इस आदेश से लोगों में खलबली मच गई है। नदी के किनारे बसे कई लोग इस आदेश के तहत प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें अपने मकान की चिंता सताने लगी है। यही नहीं नदी के किनारे कई स्कूलों व सरकारी संस्थान भी नदी के परिधि की जद में आ सकते हैं।

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