Allahabad High Court: आवेदक किसी विशेष पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए दबाव नहीं बना सकता

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के मामले से संबंधित अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के मामले में आवेदक किसी विशेष पद पर अपनी नियुक्ति के लिए विभाग पर दबाव नहीं बना सकता है।
अनुकंपा नियुक्ति के लिए अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता है। यह एक सरकारी योजना है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की एकलपीठ ने नीतू शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया, जिसमें उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी, झांसी द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी थी।
कोर्ट ने आगे कहा कि शासनादेश दिनांक 4 सितंबर 2000 के अनुसार अगर कोई अभ्यर्थी चतुर्थ श्रेणी पद पर अनुकंपा नियुक्ति चाहता है तो उसकी नियुक्ति पर विचार किया जा सकता है, लेकिन अगर वह लिपिक पद पर नियुक्ति का आग्रह करता है और रिक्ति उपलब्ध नहीं होती है तो उसका आवेदन उक्त पद पर अनुकंपा नियुक्ति चाहने वाले उम्मीदवारों की सूची में शामिल कर दिया जाता है।
सूची में शामिल आवेदकों की नियुक्ति 'पहले आओ पहले पाओ' के मानदंड पर की जाती है। अगर इस अवधि के दौरान ऐसे पंजीकरण की तारीख से 5 साल तक अभ्यर्थी को लिपिक पद पर नियुक्ति नहीं मिल पाती है तो उसका आवेदन उक्त सूची से हटा दिया जाता है।
उक्त दावा 5 साल की अवधि तक जारी रहता है और एक बार दावे की अवधि समाप्त हो जाने पर दूसरा दावा पोषणीय नहीं होता है। मौजूदा मामले में याची की सास की झांसी के एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत रहते हुए वर्ष 2017 में मृत्यु हो गई। इसके बाद याची के पति ने अपनी मां के स्थान पर लिपिक पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया।
क्लर्क के पद पर रिक्ति ना होने के कारण यह मामला लंबित रहा। आवेदन के लंबित रहने के दौरान विभाग ने याची के पति से चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति का विकल्प चुनने को कहा, लेकिन उन्होंने यह विकल्प नहीं चुना और अपना दावा लिपिक पद के लिए जारी रखा।
पति की मृत्यु के बाद याची ने दूसरा आवेदन दिया, जिसे बेसिक शिक्षा अधिकारी, झांसी ने पोषणीय ना मानते हुए खारिज कर दिया, क्योंकि मृत शिक्षक के परिवार के एक से अधिक सदस्य द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के लिए क्रमिक आवेदनों का कोई प्रावधान नहीं है।
यह भी पढ़ें:-अलविदा: बहराइच-नेपालगंज मीटर गेज लाइन पर अंतिम बार रवाना हुई ट्रेन, फूल मालाओं से सजाया गया इंजन, भावुक हुए यात्री