UP: स्मार्ट शेल्टर होम में ताला… बाहर ठंड में ठिठुर रहे लोग, जेसीआई के सहयोग से कानपुर स्मार्ट सिटी ने बनाया था

कानपुर में स्मार्ट शेल्टर होम में ताला लगा होने से बाहर ठंड में लोग ठिठुर रहे है।

UP: स्मार्ट शेल्टर होम में ताला… बाहर ठंड में ठिठुर रहे लोग, जेसीआई के सहयोग से कानपुर स्मार्ट सिटी ने बनाया था

कानपुर में स्मार्ट शेल्टर होम में ताला लगा होने से बाहर ठंड में लोग ठिठुर रहे है। वर्ष 2023 में जेसीआई के सहयोग से कानपुर स्मार्ट सिटी ने बनाया था।

कानपुर, अमृत विचार। शहर में ठंड और शीतलहर का भारी प्रकोप है। खुले में सोने वालों के ऊपर तो आफत सी आ गई है। ऐसे में घंटाघर चौराहे पर बना स्मार्ट शेल्टर होम (मोबाइल यूनिट) पर ताला जड़ दिया गया है।

जिससे बेसहारा और रात में घंटाघर में उतरने वाले यात्रियों का आसरा छिन गया है। 2023 जनवरी में खोला गया शेल्टर होम सिर्फ एक ठंड ही लोगों को राहत दे सका। स्थानीय लोगों की मानें तो सुविधाओं के अभाव में अधिकारियों ने शेल्टर होम में ताला लगा दिया है।

जेसीआई के सहयोग से घंटाघर पर कानपुर स्मार्ट सिटी ने स्मार्ट शेल्टर होम बनाया था। 10 लाख रुपये से बने शेल्टर होम में 24 लोगों के लेटने की सुविधा है। स्मार्ट शेल के रूप में प्रदेश का पहले 24 बेड्स के मोबाइल यूनिट (स्मार्ट शेल्टर होम) को इन्दौर मॉडल के आधार पर तैयार किया गया था।

यह स्मार्ट शेल्टर होम पोर्टेबल बनाया गया था जो किसी भी समय जरूरत पड़ने पर अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है। इसमें चार्जिंग प्वाइंट्स, वेन्टिलेशन की भी सुविधा है। लेकिन वर्तमान समय में जब भीषण ठंड और शीतलहर से लोग परेशान हैं ऐसे कठिन समय में इसके बाहर ताला लगा है। 

अन्य जगहों पर बिना परिचय पत्र प्रवेश नहीं 

चुन्नीगंज, काकादेव समेत कई 28 जगहों पर शेल्टर होम बने हैं लेकिन इनमें बिना परिचय पत्र के किसी को प्रवेश नहीं मिलता है। ऐसे में तमाम बेसहारा लोग परेशान हैं क्योंकि उनके पास परिचय पत्र नहीं हैं। वे खुले में ही सोने को मजबूर हैं। बिना परिचय पत्र के यदि कोई शेल्टर होम में जाता है तो वहां उसे उसे लौटा दिया जाता है, जबकि डीएम का सख्त आदेश है कि जिनके पास परिचय पत्र नहीं हैं उन्हें भी प्रवेश दिया जाए।

गोरखपुर निवासी राजा शहर में कबाड़ का काम करते हैं। उनके पास परिचय पत्र नहीं है ऐसे में उन्हें चुन्नीगंज के शेल्टर होम से वापस कर दिया गया। अब वे डीसी लॉ कालेज के पास सड़क किनारे सोने को मजबूर हैं। यही हाल लखनऊ के इमरान का भी है। उनके पास भी परिचय पत्र नहीं है और वे किसी शेल्टर होम में जगह नहीं पा रहे हैं।

बिना पहचान पत्र मिलेगा प्रवेश: डीएम

डीएम विशाख जी अय्यर का कहना है कि नगर आयुक्त से कहा है कि जिनके पास परिचय पत्र नहीं है उन्हें भी शेल्टर होम में रहने दिया जाए। इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। रात्रि में अधिकारी भ्रमण कर यह देख रहे हैं कि कोई खुले में तो नहीं सो रहा है। जो सोते हुए मिलता है उसे शेल्टर होम भेजा जाता है।

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