रामनगर: मोहान आयुर्वेदिक कारखाने के बाहर श्रमिक बैठे उपवास पर

रामनगर, अमृत विचार। भारत सरकार के एकमात्र आयुर्वेदिक दवा कारखाने आईएमपीसीएल का विनिवेश रद्द किए जाने व ठेका मजदूरों के पीएफ के बकाया 1.12 करोड रुपए के भुगतान किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर दो दर्जन से भी अधिक लोगों ने कारखाना गेट पर दिनभर उपवास किया।
बता दें कि आठ दिसंबर को का मजदूर कल्याण समिति ने घोषणा की थी कि 12 जनवरी को कारखाना गेट पर उपवास किया जाएगा। श्रमिको का आरोप है कि इसके बावजूद भी कारखाना निदेशक मुकेश कुमार श्रमिकों की समस्या सुनने की जगह कारखाने से एक दिन पहले ही नदारत हो गए।
दूरभाष पर वार्ता में उन्होंने बताया कि ठेकेदार फर्म के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई थी परंतु तहरीर पर क्या कार्रवाई की गई इसकी जानकारी वे श्रमिक प्रतिनिधियों को नहीं दे पाए।कारखाना गेट पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जिस दिन भी प्रबंध निदेशक व अन्य उच्च अधिकारी कारखाने में मौजूद होंगे उसी दिन कारखाने गेट पर धरना प्रदर्शन का आयोजन कर उनका घेराव किया जाएगा।
वक्ताओं ने कहा कि कारखाना प्रबंधन पीएफ की राशि का दो बार भुगतान कर चुका है परंतु मजदूरों को एक भी फूटी कौड़ी का भुगतान नहीं किया गया है। ठेका कानून के अनुसार ठेकेदार द्वारा मजदूरों को कम भुगतान करने या भुगतान नहीं करने पर उसकी भरपाई कारखाना प्रबंधन करेगा तथा उसकी रिकवरी ठेकेदार से की जाएगी।
भ्रष्टाचार में लिप्त आईएमपीसीएल प्रबंधन दो बार पैसा पीएफ कार्यालय में जमा कर दिया है परंतु ना तो ठेकेदार से रिकवरी की है और ना ही उस जमा धनराशि का भुगतान मजदूरों को किया जा रहा है ।वक्ताओं ने आरोप लगाया कि कारखाना प्रबंधन भ्रष्टाचार में लिप्त है अतः उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस दौरान समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत, कांग्रेस नेता घनानंद शर्मा, देवेंद्र सिंह इंकलाबी मजदूर केंद्र के भुवन चंद्र, रेवी राम, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी, कौशल्या चुनियाल, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल, प्रकाश पाण्डे, मंजू भट्ट, भूपेंद्र सिंह,केशवराम, शेखर आर्य , गीता जोशी, दीपा देवी, मनोज कुमार, गौरव समेत बड़ी संख्या में श्रमिकों ने भागीदारी की।