Good News: कार्डियोलॉजी संस्थान में बनेगा हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर, शासन से मिली इतने करोड़ रुपये की मंजूरी
कानपुर के कार्डियोलॉजी संस्थान में बनेगा हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर।

कानपुर के कार्डियोलॉजी संस्थान में बनेगा हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर। हादसों में ब्रेन डेड घोषित होने वाले मरीजों का दिल जरूरतमंद को प्रत्यारोपित होगा। शासन ने हाईब्रिड थिएटर निर्माण के साथ 20 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
कानपुर, अमृत विचार। प्रदेश में दिल के गंभीर मरीजों के लिए बड़ी खुशखबरी है। कार्डियोलॉजी संस्थान में प्रदेश का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर बनेगा। शासन ने इस काम के लिए यहां हाईब्रिड थिएटर बनाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने से हादसों में ब्रेन डेड घोषित होने वाले मरीजों का दिल जरूरतमंद के सीने में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा।
अभी प्रदेश में हार्ट ट्रांसप्लांट (हृदय प्रत्यारोपण) की सुविधा नहीं होने से अधिकतर लोगों की जान नहीं बचाई जा पाती है। देश में लोगों में हार्ट डोनेशन के प्रति जागरुकता की भारी कमी होने से प्रत्यारोपण के लिए दिल की व्यवस्था नहीं हो पाती है, जबकि हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए ब्रेन डेड घोषित हो चुके मरीज के परिजनों की सहमति लेकर किसी दूसरे मरीज को जिंदगी दी जा सकती है।
रावतपुर स्थित कार्डियोलॉजी संस्थान में प्रदेश का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर बनाने के लिए शासन ने हाइब्रिड ऑपरेशन थिएटर की खातिर 20 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। इस विशेष थिएटर में ही हार्ट ट्रांसप्लांट का काम किया जाएगा। लेकिन इसके लिए कार्डियोलॉजी प्रबंधन को लाइसेंस लेना पड़ेगा। संस्थान लाइसेंस आवेदन के लिए मार्च माह में आवेदन करेगा। स्वीकृति मिलते ही यहां हृदय प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू हो जाएगी।
इसके बाद हादसों में ब्रेन डेड होने वालों का दिल जिसे जरूरत है, उसके काम आ सकेगा। अभी जब किसी व्यक्ति का हार्ट फेल हो जाता है और इलाज के बाद भी हार्ट काम नहीं करता, तब इस हालत में हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, लेकिन ऐसे अधिकतर लोगों की मौत हार्ट नहीं मिलने की वजह से हो जाती है।
ट्रांसप्लांट सेंटर की आवेदन से तीन माह में मिलेगी मंजूरी
संस्थान के निदेशक प्रो.राकेश वर्मा ने बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर बनने से तमाम मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है। हादसों में ब्रेन डेड होने वालों का दिल दूसरे मरीज को प्रत्यारोपित किया जाएगा। ट्रांसप्लांट सेंटर के आवेदन की तैयारी चल रही है। वह स्वयं लाइसेंस मामले के निरीक्षक रहे हैं। इसलिए पहले से सभी तैयारी कर ली है। तीन महीने में निरीक्षण और अंतिम रिपोर्ट लग जाती है। पूरी उम्मीद है कि इसी साल संस्थान में प्रदेश का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर तैयार हो जाएगा। हाइब्रिड ऑपरेशन थिएटर की प्रक्रिया मार्च के पहले पूरी की जाएगी। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल से हार्ट की उपलब्धता के संबंध में बातचीत हुई है।
दो साल पहले भेजा था प्रस्ताव
कार्डियोलॉजी संस्थान ने हार्ट ट्रांसप्लांट सेंटर का प्रस्ताव दो साल पहले शासन को भेजा था। हाइब्रिड ऑपरेशन थिएटर की स्वीकृति के बाद अब इस दिशा में काम तेज हो गया है।