उन्नाव: हम आप मजे से सो रहे! अन्नदाता सर्द रातों में जागकर फसलों की कर रहे रखवाली, आखिर किसानों को छुट्टा मवेशियों से कब मिलेगी निजात?

उन्नाव। किसानों ने बड़ी मेहनत कर गेहूं समेत अन्य फसलें खेतों में बोई है। अब फसल तैयार हो रही है। जिससे पूरे साल उन्हें रोटी मिल सके, लेकिन अन्ना जानवरों के कारण सर्द रातों में किसानों को फसल बचाने के लिये जाग कर रखवाली करनी पड़ रही हैं। फिर भी जरा सा चूकने पर अन्ना जानवरों का झुंड पलक झपकते ही पूरी फसल चट कर जाता हैं। जिला प्रशासन द्वारा सैकड़ों की संख्या में घूम रहे अन्ना जानवरों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।जिस कारण किसान परेशान है और किसान सर्द रातों में खेत में बने मचान पर बैठकर रतजगा करने को मजबूर है।

बता दें गांवों में अन्नदाताओं ने अपने खेतों में गेंहू समेत अन्य फसलें बोई है। अन्ना जानवरों के डर से किसान सर्द रातों में खेतों में मचान बनाकर रहने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं जागकर किसान खेतों की रखवाली कर रहे हैं। इसके बावजूद मौका पाते ही अन्ना जानवरों का झुंड खेतों में घुस कर फसलों को चट कर जाता हैं।
किसानों ने बताया कि वह लोग पूरी रात जाग कर काट रहे हैं, इसके बावजूद जरा सा चूकने पर अन्ना जानवरों का झुंड खेतों में घुस जाता है और फसलों को बर्वाद कर रहा है। कई बार जिला प्रशासन से लेकर जन प्रतिनिधियों तक गुहार लगायी है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
किसानों ने बताया कि हम लोग सर्द रातों में जाग कर खेतों की रखवाली करते हैं फिर भी अन्ना जानवरों से फसल नहीं बचा पा रहे हैं। ऐसे में पूरे साल परिवार चला पाना टेढ़ी खीर साबित होता है। वहीं इस बार फसल बोने में महंगाई का भी सामना करना पड़ा है। इतना ही नहीं कई ने तो कर्ज लेकर फसल बोई है।
गेंहू बुआई में यह लगी लागत
किसानों ने बताया कि डीएपी खाद लगभग 16 सौ रूपये की बोरी खरीदी है। वहीं गेंहू की बीज 16 सौ से 22 सौ रूपये की बोरी ली है। 7 सौ रूपये प्रति घंटे ट्रैक्टर की जुताई, 4 बार पानी लगाने का खर्च, चार हजार रूपये, चार सौ रूपये में एक मजदूर के साथ ही करीब सात कुंतल गेंहू पैदा होता है।
खेतों में यह फसल हो रही हैं तैयार
सिकंदरपुर सरोसी व कर्ण ब्लॉक के दर्जनों गांवों के किसानों ने गेंहू, सरसों, मूली, पालक, सोयामेथी, मटर, गोभी, बंद गोभी समेत कई फसल खेतों खड़ी है। जिनकी रखवाली करने के लिये किसान पूरी रात खेतों में जाग रखवाली रहे हैं।
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