अयोध्या: डीजीसीए की नोटिस के बाद जिले के सबसे ऊंचे टावर की लंबाई की जाएगी कम, जानें वजह
कभी बीएसएनएल कार्यालय स्थित इस माइक्रोवेव टावर से पूरे जिले को मिलता था सिग्नल

अयोध्या, अमृत विचार। आम जन को ऊँची उड़ान की सुविधा उपलब्ध कराने की कवायद के चलते जनपद का सबसे ऊँचा टावर अब बौना हो रहा है। सार्वजनिक सेवा की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने लगभग चार दशक पूर्व इस माइक्रोवेव टावर की स्थापना कराई थी। इस माइक्रोवेव टावर से पूरे जिले को संचार का सिग्नल उपलब्ध कराया जाता था। तभी से यह जिले के इतिहास में सबसे ऊँचे टावर के रूप में दर्ज था, लेकिन डीजीसीए की नोटिस के बाद इसकी ऊंचाई कम कराई जा रही है।
गौरतलब है कि लगभग चार दशक पूर्व दूरसंचार की आधुनिक माइक्रोवेव तकनीक के देश में पदार्पण के बाद देश की एकमात्र सार्वजनिक दूरसंचार सेवा प्रदाता को इसका लाभ जन-जन तक पहुंचाने का जिम्मा दिया गया। जिसके तहत सार्वजनिक सेवा प्रदाता की ओर से जगह-जगह सी डाट एक्सचेंज स्थापित किये गए थे और माइक्रोवेव सिग्नल को इन एक्स्चेंज तक पहुंचाने के लिए मुख्यालयों पर ऊँचा माइक्रोवेव टावर लगाया गया था।
जनपद में दूरसंचार कार्यालय के रामनगर मोहल्ले से सिविल लाइन स्थित अपने स्थाई कार्यालय भवन में स्थानांतरित होने के बाद कार्यालय परिसर में सरकार की ओर से 100 मीटर ऊँचा माइक्रोवेव टावर लगवाया गया था। लोग बताते हैं कि तब इसी टावर से सिग्नल जिले का हिस्सा रहे अंबेडकरनगर तक उपलब्ध कराया जाता था। नब्बे के दशक में मोबाईल तकनीक के आने के बाद मोबाईल तकनीक के प्रसार का जिम्मा सार्वजनिक सेवा प्रदाता को सौंपी गई और दूरसंचार क्षेत्र में निजी कंपनियों का भी पदार्पण हुआ।
आधुनिक 2 जी और 3 जी तकनीकि के साथ बीएससी (बेसिक स्विचिंग सिस्टम) और बीटीएस की ऊंचाई 60 व 40 मीटर निर्धारित हुई लेकिन बीएसएनएल परिसर स्थित 100 मीटर ऊँचा यह टावर शान से खड़ा रहा। अब आमजन को हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए श्रीराम एयरपोर्ट से हवाई उड़ान शुरू करने को लेकर नागरिक उड्डयन निदेशालय (डीजीसीए) की ओर से सुरक्षा मानकों को लेकर बीएसएनएल प्रबंधन को नोटिस जारी की गई और टावर की ऊंचाई कम करने का अनुरोध किया गया।
बीएसएनएल के महाप्रबन्धक ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने बताया कि मोबाईल तकनीक के आने के बाद बीएससी और बीटीएस की ऊंचाई 60 व 40 मीटर निर्धारित की गई है। निगम की ओर से माइक्रोवेव सिग्नल उपलब्ध कराने के लिए 100 मीटर ऊँचा टावर लगवाया गया था। डीजीसीए की नोटिस के बाद इसकी ऊंचाई 65 मीटर कराई जा रही है। उनका कहना है कि वर्तमान तकनीकि में इतने ऊँचे टावर की जरूरत भी नहीं गई थी।
यह भी पढ़ें:-गोंडा: जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने गए योगेश त्यागी