बरेली: एसआरएमएस लॉ कॉलेज की संबद्धता रहेगी निरस्त
बरेली कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओपी राय के प्रोबेशन पीरियड कर किया गया कंफर्म

बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में एसआरएमएस लॉ कॉलेज की संबद्धता रद्द करने का पूर्व का निर्णय सर्वसम्मति से बरकरार रखा गया। वहीं बरेली कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओपी राय के प्रोबेशन पीरियड को बढ़ाने के प्रबंध समिति के निर्णय को गलत बताते हुए कंफर्म करने का निर्णय लिया गया। लॉ कॉलेज की संबद्धता रद्द करने के निर्णय के खिलाफ प्रबंधन ने फिर से कोर्ट में जाने की बात कही है। कार्यपरिषद की बैठक शुक्रवार को कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में समिति कक्ष में हुई। इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने करीब एक साल पहले एसआरएमएस लॉ कॉलेज की अनियमितताओं के चलते संबद्धता निरस्त कर दी थी। कार्य परिषद में लिए गए निर्णय को राज्यपाल के पास भी भेजा गया था। इसके बाद कॉलेज की प्रबंध समिति कोर्ट चली गई थी। इसमें कोर्ट ने कॉलेज को एक और मौका दिया जाए। इसके तहत कार्य परिषद ने महाविद्यालय की प्रबंध समिति को लिखित या मौखिक पक्ष रखने के लिए कहा था। इसके लिए 23 नवंबर को प्रबंध समिति को पत्र भेजा गया था।
शुक्रवार को बैठक में प्रबंध समिति के दो सदस्य उपस्थित हुए और अपना पक्ष रखा। इस पर कार्यपरिषद ने कहा कि कॉलेज में अभी भी अनियमितताएं हैं, शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। इसकी वजह से परिषद कॉलेज की संबद्धता को रद्द करने का अपना निर्णय बहाल करती है। इस मामले में एसआरएमएस ट्रस्ट के अध्यक्ष देवमूर्ति का कहना है कि वह कार्य परिषद के निर्णय के खिलाफ फिर से कोर्ट का रुख करेंगे। वहीं प्राचार्य के प्रोबेशन पीरियड के मामले में भी कार्य परिषद ने गलत निर्णय लिया है।
बरेली कॉलेज के प्राचार्य को भी किया कंफर्म
बरेली कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओपी राय ने 20 अप्रैल 2022 को ज्वाइन किया था। उनका एक साल का प्रोबेशन पीरियड 20 अप्रैल 2023 को पूरा हो गया था लेकिन कॉलेज की प्रबंध समिति ने इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया था। इस पर प्राचार्य ने विश्वविद्यालय में कुलपति से शिकायत की थी। कुलपति ने प्रबंध समिति के निर्णय को रद्द कर प्राचार्य को कंफर्म कर दिया था। कार्य परिषद में भी प्रबंध समिति के निर्णय को दुर्भावना पूर्ण मानते हुए इसे रद्द करते हुए प्राचार्य को कंफर्म करने का निर्णय पास किया।
शिक्षकों के पद अन्य विभागों में होंगे स्थानांतरित
कार्य परिषद की बैठक में शिक्षकों के पदों को दूसरे विभागों में स्थानांतरित करने का निर्णय भी पास हो गया। इससे अब जिन विभागों में अधिक बच्चे होंगे और वहां शिक्षकों की कमी नहीं होगी। इसके अलावा एक दिसंबर को हुई परीक्षा समिति के निर्णय भी सर्वसम्मति से पास हो गए। इसमें परीक्षा में प्रश्नपत्रों की संख्या और अवधि महत्वपूर्ण रहे। इसके अलावा 7 से 14 दिसंबर तक शोधार्थियों की हुई मौखिक परीक्षा के आधार पर शोध उपाधि देने का निर्णय भी लिया गया। अब तक इस साल 184 शोधार्थियों को पीएचडी अवार्ड की जा चुकी है। बैठक में कुलसचिव अजय कृष्ण यादव, वित्त अधिकारी, डॉ. अमित सिंह, प्रो. यतेंद्र कुमार, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. दीपक गंगवार, प्रो. दुष्यंत कुमार, प्रो. सुमन सिंह, प्रो. सुधीर कुमार और अन्य सदस्य मौजूद रहे।
ये भी पढे़ं- बरेली: उत्तराखंड से आ रहे ओवरलोड डंपरों से सप्ताह भर में तीन हादसे