अमरोहा: दरोगा और दो पुलिसकर्मियों समेत सात पर रिपोर्ट दर्ज, जानें पूरा मामला
वारंटी को कोर्ट में पेश करने से पहले तहसील ले जाकर कराया था बैनामा
अमरोहा, अमृत विचार। पुलिस ने चेक बाउंस के केस में मुंबई से गिरफ्तार कर लाए वारंटी को कोर्ट में पेश करने से पहले तहसील ले जाकर बैनामा करवा दिया था। मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने दरोगा व दो पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
थाना रजबपुर क्षेत्र के गांव अतरासी कला निवासी फरीद इमामुद्दीन बीते कई साल से मुंबई में रहते हैं। दर्ज की गई रिपोर्ट के अनुसार नौगावां सादात थाना क्षेत्र के गांव बांसखेड़ी निवासी नदीम अहमद ने एनआई एक्ट के तहत उनके खिलाफ परिवार न्यायालय में एक वाद दायर किया था। तारीख पर हाजिर न होने के कारण बीते साल कोर्ट ने उनके गैर जमानती वारंट जारी किए थे। जिसके चलते 29 जून 2022 को वारंट तामील कराने के लिए रजबपुर थाने में तैनात दरोगा प्रवीण कुमार अपने साथ कांस्टेबल सुनील मलिक, निखिल मलिक व वादकारी नदीम को लेकर मुंबई पहुंच थे।
पुलिस टीम ने एक जुलाई 2022 को फरीद इमामुद्दीन को मुंबई से गिरफ्तार दिखाया था। चार जुलाई 2022 को आरोपी फरीद का ट्रांजिट रिमांड स्वीकृत हुआ था। आरोप है कि नदीम अहमद की मिलीभगत से पुलिस टीम तीन जुलाई तक उन्हें लेकर मुंबई में घूमती रही। खाने के अलावा होटल में ठहरने का सारा खर्च फरीद इमामुद्दीन के परिजनों से ही भरवाया। इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों ने धमकाकर फरीद इमामुद्दीन के भतीजे आसिफ से किसी परिचित के खाते में 50,000 रुपये ट्रांसफर करा लिए और बाद में उसे हवाई जहाज से लेकर दिल्ली पहुंचे।
थाने में उसी दिन फरीद को दाखिल करा दिया। फरीद इमामुद्दीन का आरोप है कि चार जुलाई 2022 को थाने से अदालत में पेश करने के लिए उसका चालान कर दिया, लेकिन पुलिसकर्मी उसे अदालत में पेश करने से पहले नदीम के साथ अमरोहा की सदर तहसील लेकर पहुंचे। वहां डरा धमकाकर कुछ स्टांप पर फरीद इमामुद्दीन से हस्ताक्षर करा लिए। इसके बाद उसे अदालत में पेश किया।
जमानत पर छूटने के बाद फरीद इमामुद्दीन ने तहसील पहुंचकर दस्तावेजों की नकल निकलवाई तो पता चला कि नदीम अहमद ने अपने साथी सलीम, मोहम्मद अशरफ व सायमा निकहत व पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर उनसे प्लाट का बैनामा करा लिया। पीड़ित ने इस बाबत शहर कोतवाली में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। जिसके बाद उसने अदालत की शरण ली थी। सीओ सिटी विजय कुमार राणा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिसमें एक दरोगा व दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
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