राजस्थान विधानसभा चुनाव की मतगणना 36 केन्द्रों पर होगी और 2524 टेबलों पर

जयपुर। राजस्थान विधानसभा आम चुनाव-2023 की मतगणना तीन दिसंबर को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह आठ बजे से शुरु होगी और इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मतों की गणना के लिए 2524 टेबले लगाई गई हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतगणना केन्द्रों पर माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं और 199 विधानसभा क्षेत्रों के लिए सुबह आठ बजे मतगणना शुरु कर दी जायेगी।
ये भी पढ़ें - प्रियंका गांधी ने ‘रैट माइनर्स’ का हवाला देते हुए कहा- इसी मोहब्बत से बना है अपना देश
उन्होंने बताया कि सबसे पहले उम्मीदवारों एवं पर्यवेक्षकों के समक्ष स्ट्राँग रुम को खोला जायेगा। उन्होंने बताया कि मतगणना में पहले सुबह आठ बजे से सभी केंद्रों पर पोस्टल बैलेट के मतों की गिनती की जायेगी। इसके बाद साढ़े आठ बजे से ईवीएम के माध्यम से मतगणना आरंभ की जाएगी। उन्होंने बताया कि 199 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सभी 36 केंद्रों पर मतगणना के लिए 1121 एआरओ की ड्यूटी लगाई गई है।
जयपुर, जोधपुर एवं नागौर में दो-दो केंद्रों पर और शेष 30 निर्वाचन जिलों में एक-एक केंद्र पर वोटों की गिनती की जाएगी। गुप्ता ने बताया कि 51 हजार 890 मतदान केन्द्रों पर ईवीएम में प्राप्त मतों की गणना के लिए मतगणना केन्द्रों पर 2524 टेबल लगाई गई है। इनमें कुल 4245 राउंड में मतों की गिनती का कार्य पूरा होगा।
शिव विधानसभा क्षेत्र के लिए मतगणना सर्वाधिक 41 राउंड तक चलेगी जबकि अजमेर दक्षिण के लिए मतगणना 14 राउंड में ही पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि मतगणना स्थल और उसके आस-पास के क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए गए हैं। मतगणना प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा इंतजामों के तहत केन्द्रीय पुलिस बल और आरएएसी की व्यापक तैनाती की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मतगणना स्थल पर प्रवेश के लिए त्रि-स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है ताकि मतगणना स्थल पर किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं आए। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय पुलिस बलों की 40 कम्पनियां ईवीएम की सुरक्षा के लिए और आरएसी की 36 कम्पनियां मतगणना केन्द्रों पर तैनात रहेंगी। आरएएसी की 99 कम्पनियां विभिन्न जिलों में कानून-व्यवस्था के मद्देनजर तैनात की जायेगी।
इन चुनावों में चार लाख 36 हजार 664 मतदाताओं ने पोस्टल बैलट का उपयोग किया है, जिसमें से 80 वर्ष से अधिक उम्र के 49 हजार 365, दिव्यांग श्रेणी के 11 हजार 656 एवं आवश्यक सेवाओं के चार हजार 427 तथा मतदान प्रक्रिया में जुटे तीन लाख 71 हजार 166 मतदाता शामिल है। गुप्ता ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आयोग के निर्देशों की पालना करते हुए परिणाम बिना किसी त्रुटि एवं देरी के समय रहते घोषित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि मतगणना में पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाई जा चुकी ‘मैंडेटरी वैरीफिकेशन‘ पद्धति को भी लागू किया जाएगा। इसमें संपूर्ण मतगणना के बाद प्रत्येक विधानसभा के मतदान केंद्रों से लॉटरी से 5-5 वीवीपैट का चयन कर उसकी पर्चियों की गणना कर, ईवीएम से प्राप्त मतों से मिलान किया जाएगा।
ये भी पढ़ें - केंद्र ने जोशीमठ के लिए दी 1658 करोड़ रुपये की पुनर्निर्माण योजना को मंजूरी