काशीपुर: बेटों को बचाया और बेटियों को छोड़ दिया मौत के हवाले

अर्शी खान, काशीपुर, अमृत विचार। अंधविश्वास में पड़े एक पिता व परिवार ने बेटियों की तबीयत खराब होने पर उनको अस्पताल दिखाने के बजाए घर पर ही इलाज करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि घर पर बेटियों के इलाज के लिए परिजनों ने तंत्र मंत्र का सहारा भी लिया।
विपरीत प्रभाव पड़ने पर पिता ने बेटियों को मौत के हवाले कर बेटो को वहां से ले गया। लौटने पर चोट लगने पर डॉक्टर के पास बेटे को ले जाने की बात पुलिस को बताई। सवाल है कि परिजनों ने बेटियों की तबीयत खराब होने पर घर में इलाज किया और बेटे को चोट लगने पर डॉक्टर के पास ले गया या फिर अन्य कारणवश परिजन बेटियों को अस्पताल ले जाने से कतरा रहा थे। इन सभी सवालों के जवाबों के लिए पुलिस जांच में जुट गई है।
अली हसन उर्फ सूरज अपनी पत्नी हुस्न जहां, तीन बेटियों शाहीन, फरहीन व यासमीन और तीन बेटों फरमान, अरमान व रिजवान के साथ काली बस्ती स्थित खालिक कॉलोनी में पिछले पांच-छ: सालों से रह रह रहा था। इस दौरान उसका व उसके परिवार का मोहल्ले में किसी से भी बोलचाल व घर में आना जाना नहीं था।
जिस कारण घर में पिछले कुछ दिन से हो रही घटना का किसी को कुछ पता नहीं चला। शनिवार को घर में रोने की आवाज आने पर फरहीन व यासमीन के मरने की जानकारी हुई। उधर अंधविश्वास में पड़े परिजनों के अनुसार फरहीन व यासमीन पर ऊपरी हवा का असर था और वह खुद को स्वयं की मारने पर तुली हुईं थीं। मौके पर पुलिस को घर व घर के बाहर तंत्र मंत्र के कुछ साक्ष्य भी मिले। जिससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि अंधविश्वास में पड़े मृतकों के परिजनों ने उनका इलाज चिकित्सकों से कराने के बजाए घर में ही तंत्र मंत्र का सहारा लेकर करना शुरू कर दिया और उसका विपरीत प्रभाव पड़ने लगा तो उन्होंने दोनों को मार दिया।
वहीं बताया जा रहा है कि इस प्रभाव से बचाने के लिए अली हसन ने अपने दो छोटे बेटों को बचाने के लिए घर से हटा दिया। इस बीच उसने रात में बेटे को काशीपुर स्थित एक मजार पर ही सुलाया था और सुबह उसके पास ही मजार पहुंच गया। हालांकि सुबह 11.30 बजे वह अपने घर लौटा। जहां उसने बताया कि बेटियों पर ऊपरी हवा का असर था और वह बेटों को मारने की कोशिश भी कर रही थी। जिससे एक बेटे की आंख में चोट लग गई। वही डॉक्टर के पास दिखाने ले गया था। पुलिस ने पिता को भी हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।