America: बाइडेन सरकार का एच1बी वीजा कार्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव, जानिए क्या होगा असर
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने एच1बी विदेशी कर्मचारी कार्यक्रम में बदलाव का प्रस्ताव रखा है जिसका मकसद पात्रता को युक्तिसंगत बनाकर दक्षता में सुधार करना, एफ-1 छात्रों, उद्यमियों और गैर-लाभकारी निकायों के लिए काम करने वाले लोगों को अधिक लचीलापन प्रदान करना और अन्य प्रवासी कर्मचारियों के लिए बेहतर स्थिति सुनिश्चित करना है।
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) इन नियमों को 23 अक्टूबर को संघीय रजिस्टर में आधिकारिक रूप से प्रकाशित करेगी। इन नियमों को संसद द्वारा तय की गई इन वीजा की 60,000 की संख्या में बदलाव किए बिना प्रस्तावित किया गया है। गृह मंत्रालय ने इन प्रस्तावित नियमों को सार्वजनिक किया है, ताकि हितधारक इस पर अपनी टिप्पणियां कर सकें और प्रतिक्रिया दे सकें।
मंत्रालय ने कहा कि नियमों में प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य पात्रता अनिवार्यताओं को युक्तिसंगत बनाना, कार्यक्रम की दक्षता में सुधार करना, नियोक्ताओं और श्रमिकों को अधिक लाभ एवं लचीलापन प्रदान करना और अखंडता संबंधी कदमों को मजबूत करना है। एच1बी कार्यक्रम अमेरिकी नियोक्ताओं की कानून के तहत तय सभी अमेरिकी श्रमिक सुरक्षा मानदंडों का पालन करते हुए आवश्यक कर्मचारियों को नियुक्त करने में मदद करता है। नियोक्ता ये नियुक्तियां अपनी व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए करते हैं।
'अमेरिकी प्रशासन विदेशी छात्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में करें बदलाव'
फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) ने अमेरिकी गृह मंत्री एलेजांद्रो मयोरकास को लिखे एक पत्र में कहा कि इस अंतराल के कारण भारतीय छात्र अमेरिकी उद्योग में योगदान करने के अवसर से चूक रहे हैं। एफआईआईडीएस द्वारा सुझाए गए कई बदलावों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियान्त्रिकी और गणित (एसटीईएम) के विषयों में डिग्री वाले पात्र छात्रों के लिए एसटीईएम ओपीटी की अवधि को 24 महीने से बढ़ाकर 48 महीने करना, ओपीटी स्नातकोत्तर में आवेदन करने की अवधि को 60 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करना और एसटीईएम डिग्री धारकों को गैर-एसटीईएम डिग्री धारकों की तुलना में एच1बी वीजा लॉटरी में चुने जाने के छह गुना अधिक अवसर प्रदान करना है।
एफआईआईडीएस के नीति और रणनीति प्रमुख खंडेराव कांड ने पत्र में कहा, ‘‘ऐसा करने से हम न केवल उस प्रतिभा को बनाए रखते हैं जो हमारे नवाचार को बढ़ावा देती हैं बल्कि यह उन आर्थिक लाभों के लिए भी आवश्यक है जो इस छात्रों से हमारे देश को मिलता है।’’ उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘वैश्विक प्रौद्योगिकी के उभरते परिदृश्य और कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं साइबर सुरक्षा में बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए अत्यधिक कुशल एसटीईएम छात्र न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मामला है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रतिभा की कमी को राष्ट्रीय सुरक्षा में खतरे के रूप में उजागर किया है।’’ पत्र में कहा गया, ‘‘ओपीटी अवधि बढ़ाकर, अतिरिक्त एच1बी वीजा आवंटन प्रदान कर और लॉटरी की संभावना बढ़ाकर देश में हम उस प्रतिभा को बरकरार रख सकते हैं जो हमारे प्रौद्योगिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।’’
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