रुद्रपुर: ट्रांजिट कैंप पुलिस ने किया साइकिल चोर गिरोह का पर्दाफाश, दो लाख कीमत की 28 साइकिलें की बरामद

रुद्रपुर: ट्रांजिट कैंप पुलिस ने किया साइकिल चोर गिरोह का पर्दाफाश, दो लाख कीमत की 28 साइकिलें की बरामद

रुद्रपुर, अमृत विचार। पिछले कुछ माह से थाना ट्रांजिट कैंप में साइकिल चुरा कर आतंक मचाने वाले साइकिल चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उनकी निशानदेही पर दर्जनों साइकिलें बरामद कर ली है। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है।

सोमवार को खुलासा करते हुए सीओ सदर अनुषा बडोला, थाना प्रभारी सुंदरम शर्मा और चौकी प्रभारी नीमा बोहरा ने बताया कि पिछले कुछ माह से आवास विकास और ट्रांजिट कैंप इलाके साइकिलें चोरी होने की घटनाएं हो रही थी। जिसको गंभीरता से लेते हुए अभियान चलाया गया और घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद पता चला कि साइकिल चोरी की घटनाएं दो संदिग्ध ही कर रहे हैं। जिसको लेकर 15 अक्टूबर को ईश्वर कॉलोनी देवेंद्र सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर आवास विकास इलाके से एक साइकिल चोरी करने की सूचना दी।

तफ्तीश करने के बाद दौरान सूचना मिली कि अटरिया रोड पर चोरी की साइकिल लेकर जा रहे हैं। जिस पर पुलिस ने चैकिंग अभियान शुरू करते हुए मूलरूप से नकटी नारायणपुर क्योलड़िया बरेली यूपी व हाल निवासी राजा कॉलोनी थाना ट्रांजिट कैंप के नन्हे दयाल और टैमरा कॉलोनी धागा फैक्ट्री बिलासपुर यूपी निवासी मान सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ के बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर श्मशान घाट रोड फुलसुंगा स्थित गन्ने के खेत से 28 चोरी की साइकिलें बरामद की है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह सिडकुल, आवास विकास सहित आसपास के इलाकों का मुआयना कर नई साइकिलों को चिह्नित करते हैं और मौका पाकर उसे चुरा लेते हैं। जिसके बाद झाड़ियों में छिपाकर महंगे दामों पर बेच डालते हैं। सीओ ने बताया कि पकड़ी गई साइकिलों की कीमत दो लाख रुपये के करीब है और अभी और साइकिलें बरामद होने की उम्मीद है।

श्रमिकों व विद्यार्थियों को करते थे टारगेट

रुद्रपुर। साइकिल चोरों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपी सिडकुल की कंपनियों, इंस्टीट्यूट और कॉलेजों के बाहर रेकी करते हैं। क्योंकि यहां पर साइकिल खड़ी करने के बाद साइकिल स्वामी काफी देर बाद ही बाहर निकलता है। यहीं कारण है कि दोनों आरोपी साइकिलों का लॉक तोड़कर आसानी से साइकिल चुरा कर छिपा देते थे।