हल्द्वानी: माया ने अपनी बकरी को बुलाया तो उधर से आई आवाज... बचा लो

पुलिस के डर से लहूलुहान संध्या को किसी ने नहीं की हाथ लगाने की हिम्मत

हल्द्वानी: माया ने अपनी बकरी को बुलाया तो उधर से आई आवाज... बचा लो

क्रिकेट खेलने जा रहे युवकों ने दी पुलिस की सूचना, कट्टे में उठा ले गए अस्पताल 

हल्द्वानी, अमृत विचार। राजपुरा में कुष्ठ आश्रम के पास रहने वाली माया के पास बहुत सारी बकरियां हैं और वो हर रोज दो शिफ्टों में बकरियां चराने के लिए गौला नदी किनारे जंगल में जाती हैं। मंगलवार को वह अपने पति के साथ बकरियां लेकर गई थीं। ये वक्त दोपहर के तकरीबन पौने 3 बजे था, जब उन्होंने झाड़ियों के बीच से एक लड़की की आवाज सुनी। 
   

माया की मानें तो बकरियां चरते वक्त जंगल की ओर चली गई थीं। बकरियां जंगल में गुम न हो जाए, इस पर उन्होंने बकरियों को बुलाने के लिए आओ की आवाज लगाई थी। इसके जवाब में जंगल किनारे झाड़ियों से बचा लो की आवाज आई। माया घबरा गईं, उन्हें लगा कि वहां या तो कोई महिला या फिर लड़की है। उन्होंने आनन-फानन में अपने पति सुरेश को वहां जाने के लिए कहा और कहाकि देखो वहां क्या हो रहा है।

सुरेश मौके पर पहुंचे तो बुरी तरह लहूलुहान लड़की पड़ी थी, जिसमें हिलने तक की हिम्मत नहीं थी। तभी वहां से क्रिकेट खेलने जा रहे पंकज, संतोष, संजय और सौरभ अपने साथियों के साथ गुजर रहे थे। माया ने उन्हें रोका और मदद मांगी। लड़के मौके पर गए, लेकिन इस डर से उन्होंने संध्या की मदद नहीं कि की कहीं वो भी पुलिस के चक्कर में न फंस जाए। इस पर पंकज ने अपने दो साथियों को मौके पर छोड़ा और अन्य दो साथियों के साथ राजपुरा चौकी पहुंच कर पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद एक कट्टे से उठा कर लड़की अस्पताल ले जाया गया।  


जुआरियों और नशेड़ियों का अड्डा है गौला पार का जंगल
हल्द्वानी : पुलिस की नजरों से दूर काले काम करने वाले शातिरों के लिए गौला का रोखड़ और जंगल एक मुफीद अड्डा है। पड़ताल के दौरान यहां कई स्थानों पर ताश के पत्ते, प्लास्टिक के गिलास, शराब की बोतलें और स्मैक पीने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कागज मिले। इतना ही नहीं यहां चिकन और मटन पकाने के लिए शातिरों ने चूल्हे भी बनाए हैं।