मुरादाबाद: ऑपरेशन से प्रसव बाद महिला की मौत, पहुंचे तहसीलदार-सीओ

मुरादाबाद: ऑपरेशन से प्रसव बाद महिला की मौत, पहुंचे तहसीलदार-सीओ

मुरादाबाद, अमृत विचार। लाजपतनगर के वरदान अस्पताल में प्रसव के दूसरे दिन सोमवार को दोबारा हुए ऑपरेशन के बीच प्रसूता की मौत हो गई। प्रसूता की मौत पर उसके ससुराल और मायके वालों ने अस्पताल के अंदर और बाहर जमकर बवाल किया। सूचना पाकर कटघर थाना पुलिस और तहसीलदार आनंद नायक एवं सीओ गणेश गुप्ता मौके पर पहुंचे थे। इनके काफी समझाने के बाद परिवार वाले समझने को तैयार नहीं थे। वह अस्पताल के डॉक्टर का नाम लेकर ऑपरेशन और उसके बाद इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे। 

करीब डेढ़ घंटे तक अस्पताल में हंगामा होता रहा। मृतक महिला के परिवार का हर कोई व्यक्ति बिलख रहा था और आरोप लगा रहा था। अधिकारियों के काफी प्रयास पर परिवार वाले माने और फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए। परिजन अस्पताल के डॉक्टरों पर प्रसूता के ऑपरेशन में लापरवाही बरतकर उसे मार डालने का आरोप लगा रहे थे।

प्रसूता (पत्नी) की मौत के मामले में उसके पति आलोक दीक्षित ने कटघर थानाध्यक्ष को बताया है कि वह मिलन बिहार में आकांक्षा इंटर कॉलेज गली नंबर चार के रहने वाले हैं। उसकी नंदिता से छह साल पहले शादी हुई थी। पत्नी नंदिता को पहला बच्चा था। उसके प्रसव पीड़ा होने पर उसे रविवार दोपहर दो बजे के समय वरदान अस्पताल में लाकर भर्ती कराया था। ऑपरेशन से हुए प्रसव में नंदिता ने बेटे को जन्म दिया था। 

उधर, अस्पताल के बाहर परिसर में बेटी की मौत पर उसकी मां-पिता व ससुराल वाले भी बिलख रहे थे। मृतक नंदिता के पिता सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि उनकी बहू को प्रसव होना था। डॉक्टर ने ऑपरेशन करना जरूरी बताया तो रविवार शाम 5:30 बजे के दौरान उसका ऑपरेशन हुआ था।

नंदिता ने बेटे को जन्म दिया था। शिशु को डॉक्टरों ने मशीन में रख दिया था। ऑपरेशन बाद बेटी को अस्पताल के भूतल वार्ड में शिफ्ट किया था। इसके बाद उसके दर्द हो रहा था तो इंजेक्शन लगाया गया था। रात नौ बजे के बाद से वार्ड में कोई डॉक्टर नहीं आया। रात के डेढ़ बजे से उसे पेशाब नहीं हुई थी। बेटी परेशान रही, हमने डॉक्टर-नर्सों से कहते रहे, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। फिर सोमवार को डॉक्टरों ने उनकी बेटी का दूसरा ऑपरेशन किया। जिसमें उसकी मौत हो गई।

काफी जटिल प्रसव था। नियम के मुताबिक डॉक्टर ने ऑपरेशन किया है लेकिन, महिला को नहीं बचाया जा सका। स्थिति जटिल होने से डॉक्टर ने ऑपरेशन से पहले परिजन की सहमति भी ली थी। प्रसव सात महीने का था, शिशु की हालत भी गंभीर है, उसे परिजन दूसरे अस्पताल में भर्ती कराए हैं। परिजन की मांग पर महिला के शव का पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी में कराए जाने को कह दिया है। शव पोस्टमार्टम हाउस पर भेजा है--- गणेश गुप्ता, सीओ-कटघर।

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