बेरोजगारी: बरेली में हर 41वां शख्स भटक रहा नौकरी के लिए... 70 फीसदी पढ़े-लिखे युवा

अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। वैसे तो पूरे बरेली मंडल में बेरोजगारी के सरकारी आंकड़े चिंताजनक हैं लेकिन बरेली में ये आंकड़े और ज्यादा भयावह हैं। जिले का हर 41वां शख्स बेरोजगार है और इनमें सबसे ज्यादा संख्या 18 से 35 साल के नौजवानों की है। पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी का प्रतिशत चौंकाने वाला है। पढ़-लिखकर नौकरी के लिए चप्पलें घिसने वाले युवाओं की संख्या बेरोजगारों में 70 प्रतिशत से भी ज्यादा है। प्रोफेशनल डिग्रियों का ढिंढोरा भले पिट रहा हो, लेकिन असलियत यह है कि इन्हें भी कोई पूछ नहीं रहा है।
बरेली में करीब 34 लाख तो वोटर ही हैं, सिर्फ इसे ही अगर जिले में वयस्कों की संख्या मान लिया जाए तो भी बेरोजगारों की संख्या अप्रत्याशित है। सहायक निदेशक सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों की ही संख्या 83 हजार 229 है। इस हिसाब से बरेली में हर 41वां व्यक्ति बेरोजगार है। पंजीकरण न कराने वाले हजारों बेरोजगारों का मोटा अंदाजा भी लगाया जाए तो जिले में बेरोजगारी की स्थिति सरकारी आंकड़ों से भी कहीं ज्यादा डरावनी दिखने लगती है।
पीलीभीत में 14 लाख 25 हजार 814 वोटर हैं और बेरोजगारों की संख्या 43 हजार 228। इस तरह वहां हर 33वां व्यक्ति बेरोजगार है। यह अलग बात है कि पीलीभीत की आबादी बरेली की तुलना में आधी भी नहीं है। इसी तरह बदायूं में 23 लाख 85 हजार 897 मतदाता हैं और बेरोजगारों की संख्या 42 हजार 540। औसत लगाया जाए तो बदायूं में हर 56वां व्यक्ति बेरोजगार है। शाहजहांपुर की भी स्थिति अलग नहीं है। यहां 22 लाख 14 हजार 302 वोटर हैं और बेरोजगारों की संख्या 40 हजार 310 है। यानी शाहजहांपुर में हर 55वां व्यक्ति बेरोजगार है।
युवाओं पर बेरोजगारी की सबसे ज्यादा मार
क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि बेरोजगारों में 18 साल से 35 साल के युवाओं की संख्या भी सबसे ज्यादा है। इसके बाद 40 से 59 साल तक के लोग भी हैं लेकिन इनकी संख्या अपेक्षाकृत काफी कम है। काफी लोग ऐसे भी हैं जो अधेड़ या बुजुर्ग होने के बावजूद नौकरी के लिए मारे-मारे घूम रहे हैं।
लाखों के खर्च के साथ उम्र लगाई डिग्रियां लेने में, अब किसी काम नहीं आ रहीं
सेवायोजन कार्यालय के आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि बेरोजगारों में अनपढ़ों की तुलना में पढ़े-लिखों की संख्या ज्यादा है। बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं में पंजीकृत बेरोजगारों में 70 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो पढ़े-लिखे हैं और लाखों खर्च कर डिप्लोमा हासिल करने वाले भी हैं। कई अहम डिग्रियां होने के बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है। कहा जा रहा है कि अशिक्षित लोग किसी भी छोटे-मोटे व्यवसाय या नौकरी में लग जाते हैं लेकिन पढ़े-लिखे लोग अपनी डिग्री के मुताबिक नौकरी तलाशते ही रहते हैं और बेरोजगार रह जाते हैं।
प्रोफेशनल कोर्स किए, अब रोजगार मेलों के चक्कर
सरकार की ओर से आयोजित रोजगार मेलों में प्रोफेशनल कोर्स करने वाले बेरोजगारों की काफी संख्या होती है। प्राइवेट कंपनियां उनका इंटरव्यू लेती हैं लेकिन रोजगार आवेदन करने वालों की तुलना में काफी कम को मिल पाता है। मेलों में चक्कर काटने वाले वे लोग होते हैं जिन्हंने आईटीआई से डिप्लोमा तक किया होता है।
सरकारी आंकड़े: बेरोजगारी इससे ज्यादा है
जिला पुरुष महिला
बरेली 57197 26032
बदायूं 33119 9421
शाहजहांपुर 30960 9350
पीलीभीत 33812 9416
सरकार चाहती है कि हर व्यक्ति को रोजगार से जोड़ा जाए। इसके लिए हर साल रोजगार मेले लगाने के लक्ष्य दिए जाते हैं। यहां लक्ष्य से ज्यादा रोजगार मेले लगाए जाते हैं ताकि बेरोजगारों को नौकरियां दी जा सकें। - त्रिभुवन सिंह, सहायक निदेशक सेवायोजन बरेली मंडल
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