रायबरेली: स्कूलों में मिड-डे मील व्यवस्था बेपटरी, मानकों की जमकर हो रही अनदेखी

रायबरेली, अमृत विचार। जिले के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील व्यवस्था बेपटरी हो गई है। मानकों की जमकर अनदेखी हो रही है। कहीं खुले में खाना पकता है तो अधिकतर स्कूलों में रसोईघर बदहाल हैं। न खिड़कियों में जाली है और न ब्रांडेड मसाला उपयोग में लाए जा रहे हैं। किसी तरह रस्म अदायगी कर बच्चों को मिड-डे मील परोसा जा रहा है। मेन्यू के अनुरूप खाना अधिकतर स्कूलों में नहीं बन रहा है। बजट का रोना होने से यह व्यवस्था दम तोड़ रही है।
6 साल पहले पटना के सरकारी स्कूल में विषाक्त खाना खाने से 82 बच्चों बीमार हो गए थे उस दौरान पूरे देश में मिड-डे मील की अव्यवस्था को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की ओर गाइडलाइन जारी की गई थी। प्रदेश सरकार ने भी मानक तय किए थे। जिस पर मिड-डे मील की व्यवस्था कुछ दिनों के लिए चाक-चौबंद हो गई लेकिन इसके बाद न कोई देखना वाला है न कोई सुनने वाला। पूरी व्यवस्था बेपटरी है। बस किसी तरह बच्चों को मिड-डे मील दिया जा रहा है।
सीन एक: स्थान कंपोजिट विद्यालय मोहम्मदपुर कुचरिया
कंपोजिट विद्यालय मोहम्मदपुर कुचरिया में पंजीकृत 240 बच्चों में शनिवार को 121 बच्चे उपस्थित रहे। गैस सिलेंडर की जगह लकड़ी से मिड-डे मील बन रहा था। एमडीएम में चावल और आलू की सब्जी पकाई गई। सब्जी में मसाले की कमी दिखाई दी। किचन में जाली नहीं मिली। ऐसे में देखा जा सकता है कि किस तरह स्कूल में एमडीएम को लेकर रस्म अदा की जा रही है। प्रधानाध्यापक अनिल सिंह का कहना है कि मंहगाई अधिक है फिर भी बच्चों को मानक के अनुरूप भोजन देने का प्रयास किया जाता है।
सीन दो: कंपोजिट विद्यालय मोन
यहां पर भोजन के लिए लाइन में छात्र-छात्रा खड़े मिले। मेन्यू के अनुसार सब्जी चावल बना है। गैस सिलेंडर में खाना पकाया जाता है। सब्जी मसाले डिब्बे में रखे जाते हैं। सब्जी मसाला के कुछ नए पैकेट भी खरीद कर लाए गए।
सीन तीन: प्राथमिक विद्यालय कोरचक, महराजगंज
महराजगंज प्राथमिक विद्यालय जुगराजपुर में तीन रसोइया हैं । गैस सिलेंडर में खाना पकाया जाता है। शनिवार को मिड-डे मील में सब्जी और चावल बना था। वहीं प्राथमिक विद्यालय गढ़ी अतरेहटा में गैस में खाना पकाया जाता है। 2 रसोइया हैं। प्राथमिक विद्यालय नारायनपुर में गैस सिलेंडर से खाना पकाया जाता है। 2 रसोइया है। किचन रूम बना है। बुरी दशा प्राथमिक विद्यालय कोरचक की है। एक कमरे का विद्यालय है। उसी कमरे में ऑफिस और 1- 5 तक की कक्षाएं चलती हैं।
कुल नामांकित 35 छात्र हैं। एक रसोइया है एक अन्य को सहयोग के लिए रखा गया है। दो रसोइया हैं। इंचार्ज प्रधानाध्यापक रीना गौतम व सहायक अध्यापक संदीपा वर्मा है। बताते हैं कि स्कूल में बाउंड्रीवॉल नहीं है। किचन रूम नहीं बना है। कभी खुले में कभी पेड़ के नीचे खाना पकाया जाता है। शनिवार को सब्जी-चावल बना था। प्रधानाध्यापक रीना गौतम ने बताया कि समस्या को लेकर कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। खण्ड शिक्षा अधिकारी राम मिलन यादव ने कहा कि एक ही कमरे में विद्यालय संचालित हो रहा है। जिससे यह समस्याएं हैं।
सीन चार: प्राथमिक विद्यालय मलकाना, ऊंचाहार
मलकाना प्राथमिक विद्यालय में किचन का भी बुरा हाल रहा और किचन में चावल को खुला छोड़ा गया था। किचन भी टूटा फूटा और खिड़की में कोई भी जाली नहीं लगी मिली। किचन के अंदर कोई भी सामान नहीं था दूसरे कमरे में रखा गया था।
जब इस बारे में विद्यालय संचालिका से बात की गई उन्होंने बताया हमारे विद्यालय में बजट नहीं है और विद्यालय में कई बार चोरी हो चुकी है जिस कारण किचन में कोई भी सामान नहीं रखा जाता यहां पर मिड डे मील में सब्जी चावल बना हुआ था आलू सोयाबीन की सब्जी और चावल खुले चावल के बारे में जब विद्यालय संचालिका से पूछा गया तब उन्होंने बताया कि सभी बच्चे मिड डे मील का खाना खा चुके हैं। बचा हुआ खाना खुले में रखा होगा।
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