अयोध्या : रामपथ निर्माण के चलते 20 हजार की आबादी झेल रही है जलापूर्ति और बिजली संकट

अमृत विचार, अयोध्या । निर्माणाधीन रामपथ जनजीवन के लिए संकट का सबब बनता जा रहा है। एक तो हल्की बारिश से चलना दुश्वार हो गया है तो वहीं जलापूर्ति संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। छह स्थानों पर पाइप लाइन टूटने से करीब 22 मोहल्लों की जलापूर्ति बाधित है। हाल यह है कि एक मोहल्ले में जलापूर्ति सुचारू होती है तो दूसरे में ठप हो जाती है। वहीं बिजली संकट भी लोगों के लिए बड़ा सिर दर्द बन गया है। उमस बढ़ने के साथ कटौतियों में चार गुना इजाफा हो गया है।
सहादतगंज से अयोध्या नयाघाट तक बन रहे रामपथ पर चल रहे निर्माण के चलते बीच-बीच में पाइप लाइनों के क्षतिग्रस्त होने का सिलसिला नहीं थम रहा है। शनिवार से लेकर रविवार और सोमवार तक करीब छह स्थानों पर नगर निगम के जलापूर्ति करने वाली पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो चुकीं हैं, जिसके कारण तब से सोमवार तक जलापूर्ति संकट से घिरने वाले इलाकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
शनिवार को जहां आईसीआईसीआई बैंक के निकट पाइप लाइन टूटने से दो मोहल्लों समेत एक कालोनी की जलापूर्ति बाधित हो गई थी वहीं रविवार और सोमवार मिलाकर यह संख्या 22 मोहल्लों की हो गई है। रविवार को अंगूरीबाग, गुदड़ीबाजार क्षेत्र में दो जगह पाइप लाइन टूटी गई, जिसके कारण 12 से अधिक मोहल्लों की जलापूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई। इसके बाद सोमवार को भी तीन स्थानों पर पाइप लाइन टूट गई नतीजा 11 से अधिक मोहल्ले चपेट में आ गए।
बताया जाता है कि नगर निगम के जलकल विभाग की ओर से निर्माण एजेंसी आर एंड सी को सूचना दी। निर्माण एजेंसी इतनी गैर जिम्मेदार निकली कि तीन दिन बाद भी टूटीऔर क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों को दुरुस्त नहीं कर सकी। बता दें कि बीते दिनों महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने एजेंट को इसे लेकर सचेत भी किया था। उन्होंने टूटने और क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों की मरम्मत के लिए एजेंसी की ही जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की थी लेकिन इसके बावजूद एजेंसी लापरवाही बरतने पर आमादा है।
जलकल के अधिशासी अभियन्ता अनूप सिंह ने सोमवार को बताया कि लगातार पाइप लाइनें टूट रहीं हैं और जलकल को नित्य भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन कहा कि तीन दिनों में जहां भी पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हुई है वहां अब तक बन जानी चाहिए थी। अधिशासी अभियन्ता ने बताया कि देर शाम उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग है, इस समस्या को प्रमुखता से रखा जायेगा। जबकि निर्माण के इंजीनियर प्रदीप शुक्ल का कहना है कि खोदाई और मरम्मत दोनों साथ-साथ किए जा रहे। जहां पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हुईं हैं बनाया जा रहा। गुदड़ीबाजार चौराहे के आगे सड़क काटे जाने के कारण कार्य में बाधा आ रही है।
हल्की बारिश के बाद कड़क धूप ने बढ़ाई उमस, कटौती गहराई
दो दिनों के दौरान हल्की बारिश से हुआ इजाफा बिजली कटौती का सबब बन गई है। दो दिनों में ही बिजली कटौती चार गुना से अधिक बढ़ गई है। कटौतियों से सर्वाधिक रीडगंज, देवकाली, अंगूरीबाग, नियावां, गुदड़ीबाजार, खवासपुरा, राठहवेली, हैदरगंज, साहबगंज, मुकेरी टोला, हसनू कटरा आदि इलाकों की बीस हजार की आबादी चल रही है। देवकाली क्षेत्र का तो यह हाल है कि बीस बीस मिनट पर बिजली गुल हो रही है। शिकायतों के बाद भी सुधार के बजाए संकट बढ़ता जा रहा है। बिजली विभाग के अधिकारी तर्क देते हैं कि अत्यधिक उपयोग के कारण ओवरलोड से कटौती मजबूरी बन गई है। जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि उप केन्द्रों द्वारा आपूर्ति में लापरवाही बरती जा रही है।
रामपथ पर नियावां से साहबगंज सेंसिटिव जोन में तब्दील
13 किलोमीटर के निमार्णाधीन रामपथ पर नियावां से साहबगंज का इलाका पूरी तरह से सेंसेटिव जोन में तब्दील हो गया है। हर दस कदम पर खोदाई और हल्की बारिश के बाद फैली कीचड़ से फिसलन बढ़ गई है। रोजाना लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। खोदाई के दौरान निकल रही मिट्टी इतनी बलुई और चिकनी है कि दो कदम भी पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
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