पीलीभीत: सरकारी बजट पर खूब की कमाई, अब लौटाने की बारी आई...जानिए पूरा मामला
पीलीभीत, अमृत विचार। स्ट्रीट लाइट घोटाले में चल रही जांच अब पूरी हो गई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने ग्राम प्रधान और सचिवों पर वसूली के आदेश दिए थे। डीएम के निर्देश पर पंचायती राज विभाग की ओर से घोटाला करने 152 ग्राम प्रधान और सचिवों को वसूली नोटिस भेजे गए। ग्राम प्रधान और सचिवों ग्राम प्रधानों में खलबली मच गई है।
जनपद में 720 ग्राम पंचायत हैं।
इन्हें रोशन करने के लिए पिछले साल स्ट्रीट लाइट की खरीद कराई गई थी। करोड़ों रुपये इस पर खर्च किए गए थे। लाइटें लगवाई गई लेकिन उसमें जिम्मेदार खेल करने से बाज नहीं आए। शिकायत पर तीन सदस्यीय टीम से जांच कराई गई तो 249 ग्राम पंचायतों में बड़ा घोटाला सामने आया।
हर ब्लॉक में लाइटों की कीमत अलग-अलग और मानकों को भी दरकिनार किया गया था। कहीं दो हजार रुपये में लाइट खरीद ली गई, तो कहीं चार हजार के पार हो गई। इतना ही नहीं इन लाइटों में शासन की ओर से तय मानकों भी पूरा नहीं किया गया। जांच में सामने आया कि 69 ग्राम प्रधान ऐसे हैं, जिन्होंने स्ट्रीट लाइट खरीद में वित्तीय नियमों की खुलकर अनदेखी कर डाली। जबकि 180 ग्राम प्रधानों ने न तो मानक देखे और न ही ब्रांड।
सस्ती लाइटों की खरीद कर महंगा दर्शाते हुए गोलमाल कर दिया। तत्कालीन डीएम पुलकित खरे ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। लेकिन तबादला होने के बाद मामला दबा दिया गया। इसके बाद नवागत डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने भी इस घोटाले का संज्ञान लिया। दो बार पत्रावली में लगाई गई चार्जशीट से सीडीओ असंतुष्ट हुए और फिर दोबारा इसे तैयार कराया गया। डीएम ने कार्रवाई की संस्तुति दी। जिसके बाद अब रिकवरी के आदेश समस्त ग्राम पंचायतों के लिए कर दिए गए हैं।
स्ट्रीट लाइट घोटाले में जांच पूरी होने के बाद 152 ग्राम प्रधान और सचिवों को नोटिस जारी किए गए हैं। जिनसे वसूली की जाएगी---वाचस्पति झा डीपीआरओ।
यह भी पढ़ें- पीलीभीत: धोखाधड़ी में ग्राम पंचायत अधिकारी की जमानत याचिका खारिज, जानिए पूरा मामला