बरेली: निराश्रय के आश्रय हैं श्रीराम : पं. बृजेश पाठक

बरेली, अमृत विचार। श्री हरि मंदिर में आयोजित श्रीराम कथा में कथा व्यास पं. बृजेश पाठक ने कहा कि संसार से निराश होकर वही लोग टूट जाते हैं जिनके मन में ईश्वरीय आस्था और विश्वास की कमी होती है। लेकिन भक्त ईश्वर को साथ लेकर प्रतिकूल परिस्थितियों में संघर्ष करता है और अपनी आस्था के बल पर विजय प्राप्त करता है।
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बताया कि रामायण में सुग्रीव व विभीषण के जीवन में भी संकट के क्षण आए तब उनके लिए सभी दरवाजे बंद हो गए। लेकिन हनुमान ने उन्हें समझाया की ईश्वर की कृपा कभी बंद नही होती। श्रीराम निराश्रय के आश्रय हैं, निराश व्यक्ति की आशा हैं।
कहा कि विपत्ति के समय ईश्वर का आश्रय बहुत बड़ा बल प्रदान करता है। कथा में मंदिर समिति के अध्यक्ष सतीश खट्टर, रवि छाबड़ा, सुशील कुमार, संजय आनंद, गोविंद तनेजा, अश्वनी ओबराय, जितिन दुआ, रंजन कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।
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