हल्द्वानी: एक करोड़ रुपए तक की रिकवरी होने की संभावना...डॉक्टरों में मचा हड़कंप

लक्ष्मण मेहरा, हल्द्वानी, अमृत विचार। सरकारी आवासों में कब्जा जमाए बैठे डॉक्टरों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। शासन ने चिकित्सा शिक्षा निदेशालय से चारों मेडिकल कॉलेजों से उन डॉक्टरों की लिस्ट मांगी है, जो सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए बैठे हैं। इसमें हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने करीब 16 डॉक्टरों की लिस्ट निदेशालय को भेज दी है। चर्चा है कि जिन डॉक्टरों ने सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं, उनसे बड़ी रिकवरी हो सकती है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के अधीन कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी सुशीला तिवारी अस्पताल का संचालन होता है। यहां तैनात डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेज कैंपस में टाइप-4 आवासों का आवंटन किया जाता है। पूर्व में यहां तैनात रहे डॉक्टरों का अलग-अलग जगहों पर स्थानांतरण हो चुका है।
लेकिन 16 डॉक्टरों ने अभी तक अपने सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं। इनमें एक पूर्व प्राचार्य भी शामिल हैं। सभी डॉक्टरों के स्थानांतरण को करीब दो, तीन और चार साल हो गये हैं। कॉलेज प्रशासन ने कई बार डॉक्टरों को आवास खाली करने के लिए नोटिस दिए, जिसका उनपर कोई असर नहीं हुआ।
ऐसे डॉक्टरों पर अब शासन कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। बताया जाता है कि चारों मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टरों की लिस्ट मिलने के बाद चिकित्सा शिक्षा निदेशालय शासन को रिपोर्ट देगा। इसके बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सूत्रों की मानें 16 डॉक्टरों से अनुमानित एक करोड़ रुपये तक रिकवरी हो सकती है।
क्या कहती है आवास नियमावली
उत्तराखंड राज्य संपत्ति विभाग ने सरकारी आवासों के लिए नियमावली बनाई है। जिसमें अलग-अलग सरकारी आवासों के किराये का निर्धारण किया गया है। नियमावली में स्पष्ट है कि स्थानांतरण के बाद सरकारी कर्मचारी व अधिकारी को आवंटित सरकारी आवास छोड़ना होगा। लेकिन इसके बावजूद कई बिना शासन की अनुमति के अनाधिकृत रूप से आवासों में रह रहे हैं।
जनहित याचिका पर कार्रवाई
टिहरी स्थित सरकारी आवासों में अवैध रूप से रह रहे लोगों के विरुद्ध सुनील प्रसाद भट्ट ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई गई थी। जिसमें उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को राज्य के सभी जनपदों में स्थित सरकारी आवासों में अवैध रूप से रह रहे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं। इस क्रम में संयुक्त सचिव अरविंद सिंह पांगती ने निदेशक चिकित्सा शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड तथा समस्त प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज से रिपोर्ट मांगी है।
16 डॉक्टरों में ज्यादा अल्मोड़ा के
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने निदेशालय को जिन 16 डॉक्टरों की लिस्ट भेजी है, उनमें ज्यादातर डॉक्टरों का स्थानांतरण अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में हुआ है। सूत्रों के मुताबिक अल्मोड़ा में स्थानांतरित डॉक्टरों को पूर्ण आवासीय सुविधा मिली है। इसके बावजूद इन्होंने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के आवासों पर कब्जा जमाया हुआ है।
कई डॉक्टरों ने आवास नहीं मिलने का कारण बताया है। उनका एचआरए कट रहा है या नहीं, इसकी सूचना मांगी गई है। डॉक्टरों की व्यक्तिगत परेशानियों को भी देखा जा रहा है। अवैध है या नहीं, तय नहीं हो पाया है। मामले को किस लेवल पर देखना है, फाइनल नहीं हो पाया है।
- डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा उत्तराखंड
कॉलेज कैंपस में जिन डॉक्टरों ने सरकारी आवास खाली नहीं किए थे, उनकी लिस्ट निदेशालय को भेज दी है। इसमें करीब 15 से 16 डॉक्टर हैं। मामले में जो भी कार्रवाई होगी, वह निदेशायल या शासन स्तर से की जाएगी।
- डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी