हल्द्वानी: अनुबंध की 10 नई सीएनजी बसें, निगम की एक भी नहीं
10 लाख किलोमीटर या 10 साल चलने पर किया जाता है बेड़े से बाहर

20 बसें लगभग 15 लाख किलोमीटर के बाद भी चलाई जा रही हैं बीते दिनों हुए प्रदेशव्यापी प्रदर्शन में निगम बस बेड़ा बढ़ाने का दिया था आश्वासन
हल्द्वानी, अमृत विचार। परिवहन निगम में बसों को 10 साल या 10 लाख किलोमीटर चलने पर, जो भी पहले हो, के बाद बस बेड़े से बाहर करने और नीलामी करने का प्रावधान है लेकिन हल्द्वानी डिपो की 70 बसों में 20 बसें ऐसी हैं जो लगभग 15 लाख किलोमीटर चल चुकी हैं इसके बावजूद भी इन बसों को निगम के बेड़े से बाहर नहीं किया गया है।
8 साल पहले कुछ नई बसों को बेड़े में शामिल किया गया था। इस समय डिपो के पास कुल 91 बसों का बेड़ा है जिसमें परिवहन निगम की 70 और 21 अनुबंधित बसें हैं। बीते दिनों निगम कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर राज्य में प्रदर्शन किया था और एक दिन के लिए बस संचालन ठप किया था।
इन मांगों में एक प्रमुख मांग निगम की नई बसों को बेड़े में शामिल किया जाना भी था जिसके बाद मुख्यालय स्तर पर हुए समझौते में यह निर्णय लिया गया था कि 75 प्रतिशत बसें निगम और 25 प्रतिशत बसें अनुबंधित होंगी।
इसके बाद इसे घटाकर निगम की 60 और अनुबंध की 40 प्रतिशत किया गया लेकिन अब इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। नई अनुबंधित बसों को निगम के बेड़े में शामिल किया जा रहा है लेकिन अभी तक परिवहन निगम की एक भी बस शामिल नहीं की गई है। 3 दिन पहले सीएनजी की 2 अनुबंधित बसें और 8 बसें बुधवार को निगम के बेड़े में शामिल की गई।
हल्द्वानी डिपो में 10 अनुबंधित सीएनजी बसों को बेड़े में शामिल किया गया है। निगम की बसों को बेड़े में शामिल करने में टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने में समय लग सकता है। - दीपक जैन, महाप्रबंधक, उत्तराखंड परिवहन निगम