अयोध्या: अयोध्या में होते हैं साल में चार मेले, लेकिन कोई स्थायी कंट्रोल रूम नहीं 

अयोध्या: अयोध्या में होते हैं साल में चार मेले, लेकिन कोई स्थायी कंट्रोल रूम नहीं 

अमृत विचार, अयोध्या। राम की नगरी अयोध्या। यहां वर्षों से मेले का रेला चला आ रहा है। प्रतिवर्ष लगने वाले चार मेलों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं, जो कई-कई दिनों तक यहां डेरा जमाए रहते हैं। इस दौरान सिर्फ एक कमी हमेशा खलती है कि रामनगरी में अभी तक कोई स्थायी मेला कंट्रोल रूम नहीं बनाया गया। मेलों के शुरू होने से पहले अलग-अलग जगहों पर कंट्रोल रूम बनाया जाता है। आनन-फानन में अफसरों को नियुक्त किया जाता है। यह हाल तब है जब भविष्य में यहां प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लाखों में आंकी जा रही है। 
     
अयोध्या में तीन प्रमुख स्थायी और एक अस्थायी मेले का अयोजन किया जाता है, जिसमें 9 दिवसीय श्रीराम जन्मोत्सव पर रामनवमी मेला, 15 दिवसीय झूलनोत्सव मेला, 7 दिवसीय अयोध्या की पौराणिक 14 कोसी व पंचकोसी परिक्रमा और पूर्णिमा स्नान को लेकर कार्तिक मेले का आयोजन किया जाता है। जनवरी माह में 3 दिन माघ पूर्णिमा स्नान को लेकर भी अस्थाई मेले का स्वरूप दिया गया है। वैसे तो यह मेला प्रयागराज में होता है, लेकिन वहां पर स्नान और पूजन करने वाले लाखों श्रद्धालु अयोध्या की सरयू नदी में स्नान कर मंदिर में पूजन अर्चन करते हैं। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद दीपावली पर आयोजित 3 दिवसीय दीपोत्सव को भी राजकीय मेला घोषित कर दिया गया है। 

इन मेलों को सकुशल निपटाए जाने के लिए अस्थाई रूप से रामकथा संग्रहालय को कंट्रोल रूम बनाया जाता है, जबकि संग्रहालय का निर्माण मंदिर से जुड़े पुरातन वस्तुओं को संजोने के लिए बनाया गया है, लेकिन प्रशासन इसे अस्थायी मेला कंट्रोल रूम के तौर पर तैयार करता है। 

वर्जन-
कुल मिलाकर चार मेले होते हैं। रामनवमी मेला तो लंबा चलता है अन्य मेले दो एक दिन के होते हैं। ऐसे में स्थाई कंट्रोल रूम का औचित्य नहीं है। कंट्रोल से मतलब है। कंट्रोल हो रहा है। चार मेले 20-22 दिन के होते हैं। ऐसे में पूरे साल कंट्रोल रूम और स्टाफ का भी औचित्य नहीं है।
- सलिल पटेल, एडीएम सिटी/ प्रभारी मेला, अयोध्या


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