मुरादाबाद : बढ़ने लगे मच्छर, लोगों को मलेरिया-डेंगू का खतरा बढ़ा
फॉगिंग कराने को स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम व जिला पंचायती राज विभाग को लिखा पत्र
मुरादाबाद, अमृत विचार। मार्च के पहले सप्ताह में सुबह-शाम सर्दी और दिनभर धूप की तपिश के बीच गंदगी वाले क्षेत्रों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि इससे निपटने के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग तैयारी में जुट गए हैं। दोनों विभागों में फॉगिंग को लेकर बीते सालों की तहत खींचतान न हो इसके लिए पत्रों की लिखा-पढ़ी भी शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम को शहरी और जिला पंचायती राज विभाग को ग्रामीण क्षेत्र में फॉगिंग व सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पत्र लिखा है। इसके अलावा वह स्वयं कीटनाशक का छिड़काव कराएंगा।
ग्रामीण क्षेत्रों और कई वार्डों में नालियां चौक हैं। नाले व सड़कों पर गंदगी है। इससे मच्छर पनप रहे हैं। घरों में पानी वाली जगहों पर मच्छर पनपने लगे हैं। इससे मलेरिया व डेंगू के फैलने का खतरा बढ़ा है। इसके चलते मच्छरों से बचाव के लिए बाजार में उत्पादों की बिक्री भी बढ़ गई है। वहीं चिकित्सकों की मानें तो जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी। मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां भी बढ़ेंगी। पिछले साल मच्छरों से बचाव के उपाय करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे। इससे फॉगिंग का कार्य प्रभावित हुआ था।
यह है मच्छर पनपने के मुख्य कारण
मच्छरों के पैदा होने का कारण जगह-जगह गड्ढों में कूड़ा और खराब टायरों, बर्तनों व फ्रिज के पिछले हिस्से में पानी जमा होना है। गंदे नाले, अंधेरी जगहों में भी एनॉफिलीस मच्छर के प्रजनन की क्षमता बढ़ जाती है। जिससे यह मच्छर लगातार पैदा होते हैं और मलेरिया फैलाते हैं।
मलेरिया के लक्षण
1,तेज बुखार 2.सर्दी लगना 3.पसीना आना 4.सिरदर्द 5.शरीर में दर्द 6.जी मचलना और उल्टी होना।
7.कभी-कभी इसके लक्षण हर 48 से 72 घंटे में दोबारा दिखाई देते हैं।
बचाव के उपाय
- मच्छरदानी लगाकर सोएं और आसपास सफाई का ध्यान रखें।
- आमतौर पर मलेरिया का मच्छर शाम को ही काटता है।
- घर में मच्छर मारने वाली दवा छिड़कें। मॉस्किटो रेपलेंट मशीन का इस्तेमाल करें।
- ऐसे कपड़े पहनें, जिससे पूरी तरह आपका शरीर ढके और उसका रंग हलका होना चाहिए।
ऐसी जगह न जाएं जहां पानी इकट्ठा हो। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग, सफाई दुरुस्त करने के लिए जिला पंचायत राज विभाग व नगर निगम को पत्र लिखा है। बताया कि पिछले साल जहां डेंगू मलेरिया के मरीजों की संख्या अधिक थी, वे संवेदनशील क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। - डॉ. प्रेम नारायण, जिला मलेरिया अधिकारी
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