‘इस्तेमाल करो और छोड़ो’ की प्रवृत्ति नीतीश कुमार की कार्य संस्कृति में शामिल: चिराग पासवान
नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस दावे के लिए उन पर चुटकी ली कि वह मरते दम तक भाजपा के साथ दोबारा हाथ नहीं मिलाएंगे। चिराग ने कहा कि नीतीश की कार्य संस्कृति में ‘इस्तेमाल करो और छोड़ो’ की प्रवृत्ति शामिल है और वह पहले भी इस तरह के बयान दे चुके हैं।
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चिराग पासवान ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्होंने सत्ता की चाह में बार-बार राजनीतिक दलों और लोगों का इस्तेमाल किया है और पहले भी अपने सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर उन्होंने यही दावा किया था कि फिर कभी इनसे हाथ नहीं मिलाएंगे।
उन्होंने कहा, इस्तेमाल करना और छोड़ना उनकी संस्कृति का हिस्सा है। इसी तरह का व्यवहार उन्होंने जॉर्ज फर्नांडीज और शरद यादव के साथ किया था। वह उपेंद्र कुशवाहा के साथ भी इसी तरह का बर्ताव कर रहे हैं। कुशवाहा पिछले साल भाजपा से नाता तोड़कर जनता दल (यूनाइटेड) से जुड़ गये थे, लेकिन इन दिनों वह नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दे रहे हैं। नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा था कि वह भाजपा से दोबारा हाथ मिलाने के बजाय मर जाना पसंद करेंगे। इससे पहले भाजपा ने कहा था कि नीतीश के साथ अब कोई गठबंधन नहीं होगा।
चिराग पासवान ने बिहार में कानून व्यवस्था की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि राज्य धीरे-धीरे अराजकता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी ने अपराधियों को बढ़ावा दिया है। चिराग ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपनी मांग भी दोहराई। लोजपा नेता ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार अक्सर जनता के बीच कुछ घटनाओं को लेकर दावा करते हैं कि उन्हें तो इस बारे में पता ही नहीं है। चिराग ने कहा कि यदि ऐसा है तो वह सत्ता में क्यों बने हुए हैं, उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। चिराग ने संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण की भी प्रशंसा की।
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