बांदा: पद्मश्री सम्मान के लिये चुने गये समाजसेवी उमाशंकर, "खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़" से मिली पहचान
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अमृत विचार, बांदा। जनपद के समाजसेवी उमाशंकर पांडेय ने देश में बुंदेलखंड व जनपद का नाम रोशन किया है। 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर जनपद समाजसेवी उमाशंकर पांडेय को भी पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई है। इससे पहले प्रदेश सरकार उन्हें खेत का पानी खेत में थीम पर यहां के लोगों को जागरूक करने के लिये जलयोद्धा सम्मान से सम्मानित कर चुकी है।
पद्मश्री सम्मान की घोषणा से बुंदेलखंड और जनपदवासी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उनके यहां बधाई और शुभकामनाएं देने वालों का तांता लगा है। भारत सरकार द्वारा क्षेत्र विशेष में योगदान के लिये प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर उनके उत्साहवर्धन के लिये पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है।
इस वर्ष सरकार ने जनपद के ग्राम जखनी निवासी समाजसेवी उमाशंकर पांडेय को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किये जाने की घोषणा की है। समाजसेवा के रूप में वे लंबे समय तक पत्रकारिता के साथ ही दिव्यांगों के लिये काम कर चुके हैं। बीते कुछ वर्षों से वे सूखे बुंदेलखंड को हरा-भरा बनाने के लिये लगातार जल संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं।
जनपद कुछ गांवों में उन्होंने किसानों को मेड़ बनाकर खेत का पानी खेत में रहने देने की थीम देकर जागरूकता अभियान चलाया, ताकि वर्षा के जल का समुचित संरक्षण व संवर्धन हो सके और बुंदेलखंड की सूखी धरती पर भी फसलें लहलहा सकें। इसके लिये बीते कुछ माह पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें जलयोद्धा की उपाधि से सम्मानित कर चुके हैं। उन्हें पद्मश्री का सम्मान देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू अपने हाथों से प्रदान करेंगी।
क्या कहते हैं जलयोद्धा
जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने कहा ‘सरकार ने यह सम्मान देकर जो गौरव का पल दिया है। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री का हृदय से धन्यवाद करता हूं कि मुझे इस सम्मान के लिए चुना गया। जल संरक्षण की परंपरागत विधि "खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़"बिना सरकार के सहयोग के ही संभव है। इस अभियान को गांव से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए सरकार ने उन्हें चुना है’।
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