कानपुर : पुलिस की हीलाहवाली से खुशी दुबे की रिहाई अटकी
खुशी के वकील शिवाकांत ने वीडियो अपील जारी की

कानपुर। बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे की सुप्रीमकोर्ट से चार जनवरी को जमानत मिली थी। पर इसके 11 दिन के बाद भी उसकी रिहाई नहीं हो सकी। इसके पीछे पुलिस की हीलाहवाली बतायी जा रही है। पता चला है कि पनकी और नौबस्ता थाना पुलिस जमानतगीरों की सत्यापन रिपोर्ट नहीं भेज रही है।
खुशी दुबे के वकील शिवाकांत दीक्षित के मुताबिक खुशी की जमानत का सत्यापन कोर्ट द्वारा डाक से भेजा गया है। खुशी की जमानत उसके पिता, भाई और बहन द्वारा ली गयी है। पिता और भाई का पता पनकी थाने का है और बहन का पता नौबस्ता थाने का है। पनकी और नौबस्ता थाने में डाक 11 /01 / 2023 को पहुंच चुकी है। खुशी के माता पिता 12 तारीख से प्रतिदिन पनकी थाने जा रहे है लेकिन थाने वाले मना कर रहे है कि कोई डाक नहीं आयी है। दूसरी तरफ भारतीय डाक विभाग की ऑनलाइन ट्रैक रिपोर्ट से पता चलता है की डाक थाने में 11 जनवरी को ही रिसीव हो चुकी है। वकील शिवाकांत दीक्षित ने अपने बयान का एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा कि खुशी के मामले को सरकार, पुलिस या फिर प्रशासन व्यक्तिगत नहीं बनाए। रहम करते हुए खुशी को न्याय पाने में सभी लोग खुशी की मदद करें। उनकी प्रशासन से भी यही गुजारिश है।
खुशी दुबे की जमानत पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुशी के पक्ष में ट्वीट किया था। उसके वकील शिवाकांत ने बताया कि जमानत उसकी मां, पिता और बहन ने ली है। पुलिस का कहना है कि जमानतगीरों के सत्यापन के कागजात नहीं पहुंचे। खुशी की जमानत चार जनवरी को हुई थी। पांच को आर्डर की कापी अदालत में दाखिल की गयी। छह जनवरी को सेशन कोर्ट से जमानत की शर्ते तय हुई थी और नौ जनवरी को जमानत के कागजात कोर्ट में दाखिल किए गए थे। जमानत में एफडी और मकान के कागजात लगे हैं जिसका सत्यापन के लिए बैंक रजिस्ट्रार कार्यालय में कागज गए हैं।
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