बांदा: किसान का शव निकालने को एसडीआरएफ टीम ने संभाला रेस्क्यू का मोर्चा
बुलडोजर की मदद से तोड़वाया जा रहा जर्जर नलकूप
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बांदा, अमृत विचार। किसान का शव बोरवेल से निकालने के लिए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम ने जर्जर सरकारी नलकूप में रेस्क्यू का मोर्चा संभाल लिया है। 16 सदस्यीय टीम के सदस्यों ने बुलडोजर से जर्जर नलकूप को तोड़वा दिया। जमीन की नाप कराकर करीब आठ-आठ फुट की दूरी पर दो बड़े गड्ढे करवाकर सुरंग तैयार की जा रही है। इस ऑपरेशन में 24 घंटे से अधिक समय लग सकता है। मंगलवार से गायब किसान के बोरवेल में फंसे होने की आशंका है। बोरवेल से बदबू भी आ रही है, इस आधार पर किसान का शव बोरवेल में ही पड़े होने की संभावना जताई जा रही है।
बताते चलें कि जसपुरा थाना के ग्राम रामपुर निवासी 65 वर्षीय किसान रामप्रसाद वर्मा पांच बीघा का खेतिहर किसान था। मंगलवार रात तकरीबन 9 बजे वह घर से खाना खाने के बाद अपने खेत में लगी मटर व गेहूं की फसल की आवारा पशुओं से रखवाली करने गया था। इसके बाद वह दूसरे दिन बुधवार सुबह घर नहीं लौटा। परिजन उनकी खोजबीन करते रहे। गुरुवार सुबह गांव का टिरुवां पुत्र बाला जब अपने खेत गया तो उसे किसान रामप्रसाद के कपड़े श्वेटर, जूते, लाठी व तंबाकू की डिब्बी करीब 15 साल से जर्जर सरकारी नलकूप संख्या-95 के पास रखे मिले थे बोरवेल में शव होने की आशंका पर पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को बुलाया है।
गुरुवार की रात टीम प्रयागराज से यहां पहुंची और शुक्रवार को एसडीआरएफ के निरीक्षक विवेकानंद तिवारी की देखरेख में टीम ने रेस्क्यू शुरू किया। टीम ने पहले जर्जर नलकूप को ध्वस्त कर अंदर पहुंचने का रास्ता बनाया और फिर सुरंग तैयार करने को नलकूप से 8-8 फुट की दूरी पर बुलडोजर के जरिए गड्ढे करवाने शुरू कर दिये। टीम के निरीक्षक ने बताया कि किसान का शव बाहर निकालने में करीब 24 घंटे का समय लग सकता है। वहीं सीओ सदर राकेश कुमार सिंह का कहना है कि बोरवेल से दुर्गंध आ रही है। कांटा डालने पर बाल जैसे निकल रहे हैं। अब शव बाहर निकलने के बाद ही पता चल पायेगा कि शव किसान का है या किसी और का।
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