सेना ने अहमदाबाद में जवानों के लिए पहली 3डी-प्रिंटेड आवासीय इकाई का किया उद्घाटन

सेना ने अहमदाबाद में जवानों के लिए पहली 3डी-प्रिंटेड आवासीय इकाई का किया उद्घाटन

नई दिल्ली। सेना ने अपने जवानों के लिए अहमदाबाद छावनी में पहली 3डी-प्रिंटेड आवासीय इकाई का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। 3डी प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी में जटिल सॉफ्टवेयर और एक रोबोटिक इकाई का इस्तेमाल किया जाता है जो एक डिजिटल मॉडल से विभिन्न स्तरों के माध्यम से कोई ढांचा बनाने में मददगार होती है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारतीय सेना ने अहमदाबाद छावनी में अपने जवानों के लिए 28 दिसंबर को अपनी पहली 3डी-प्रिंटेड आवासीय इकाई का उद्घाटन किया।

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उसने कहा, आवासीय इकाई का निर्माण सैन्य आभियांत्रिकी सेवा (एमईएस) ने अत्याधुनिक 3डी त्वरित निर्माण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए मीकॉब प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर किया है। अधिकारियों ने बताया कि 71 वर्ग मीटर क्षेत्र में आवासीय इकाई का निर्माण कार्य 3डी प्रिंटेड नींव, दीवारों और स्लैब का इस्तेमाल कर केवल 12 सप्ताह में पूरा किया गया, जिसमें गैराज भी शामिल है। 

मंत्रालय ने कहा, आपदा रोधी ढांचे के निर्माण में जोन-3 संबंधी भूकंप रोधी नियमों और हरित भवन निर्माण नियमों का पालन किया गया है। 3डी प्रिंटेड भवन आधुनिक समय में त्वरित निर्माण प्रयासों का प्रतीक हैं जो सशस्त्र बलों के कर्मियों की बढ़ती आवास जरूरतों को पूरा करेंगे। उसने कहा, यह संरचना ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को मजबूत करने की भारतीय सेना की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। बयान के अनुसार अहमदाबाद स्थित सेना के गोल्डन कतार विभाग ने परियोजना के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई है। 

उसने कहा, भारतीय सेना की इकाइयों ने अभियानों के लिए पूर्व-निर्मित स्थायी सुरक्षा और ऊपरी सुरक्षा के निर्माण में पहले से ही 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग किया है। इस तरह के ढांचों को पिछले एक साल की अवधि में मान्यता मिलते देखा जा रहा है और इसे सभी तरह के भूभागों में शामिल होते देखा जा सकता है। ताजा उदाहरण केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख का है। नवंबर में सूत्रों ने कहा था कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आधुनिक 3डी प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए ‘स्थायी रक्षात्मक ढांचों’ के निर्माण की परिकल्पना की है। यह कदम रक्षा तैयारियों को उन्नत करने के साथ ही समय बचाने वाला भी होगा।

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