अंकिता हत्याकांड: हरीश रावत ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर दिया धरना
देहरादून। कांग्रेस नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग को लेकर यहां धरना दिया। रावत ने एक रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता की हत्या के मामले में जारी विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच को लेकर असंतोष जताया और आरोप लगाया कि रिजॉर्ट में आए उस अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) को संरक्षण दिया जा रहा है, जिसे ‘‘अतिरिक्त सेवाएं’’ देने का दबाव अंकिता पर बनाया गया था।
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 26, 2022
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा धरना अंकिता और उत्तराखंड की उन सभी बेटियों को न्याय दिलाने के लिए है, जिनका बलात्कार किया गया और हत्या की गई। वीआईपी का नाम अभी तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया है?’’ धरना यहां गांधी पार्क में सोमवार को शुरू हुआ और मंगलवार दोपहर 12 बजे समाप्त हुआ। भंडारी ऋषिकेश के पास पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर इलाके में वनंतरा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों की मिलीभगत से इस साल सितंबर में उसकी कथित तौर पर हत्या कर दी थी क्योंकि उसने एक वीआईपी को ‘‘अतिरिक्त सेवा’’ प्रदान करने से इनकार कर दिया था।
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 27, 2022
बहरहाल, सत्तारूढ़ भाजपा ने रावत के धरने को मीडिया का ध्यान खींचने के लिए राजनीतिक पैंतरा करार दिया। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा, ‘‘उन्हें 2017 से राज्य में सभी जगह चुनावों में हार मिली है और सुर्खियों में रहने के लिए यह उनका एक और पैंतरा है।’’ भाजपा की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा, ‘‘उनका धरना राजनीतिक नाटक है। यह हरीश रावत की अपनी पहचान को बचाने की लड़ाई है।’’ उन्होंने कहा कि एसआईटी की जांच में कोई खामी नहीं है और उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है, इसलिए एसआईटी की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता।
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