लापरवाही: अयोध्या में अध्यापकों के सामने खड़ा हुआ बड़ा संकट, 150 से अधिक शिक्षकों को नहीं मिला प्रान नंबर

लापरवाही: अयोध्या में अध्यापकों के सामने खड़ा हुआ बड़ा संकट, 150 से अधिक शिक्षकों को नहीं मिला प्रान नंबर

अमृत विचार अयोध्या। जनपद के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 2019 से अब तक के शिक्षकों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इनमें 150 से अधिक शिक्षकों को अभी तक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नम्बर (प्रान) आवंटित नहीं हुआ है। डीआईओएस कार्यालय की लचर कार्यप्रणाली के चलते प्रान नम्बर आवंटन लटका हुआ है।डीआईओएस कार्यालय ने सिर्फ 56 शिक्षकों को प्रान नम्बर अभी आवंटित नहीं होने की बात स्वीकार की है।

वर्ष 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को नयी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। एनपीएस से आच्छादित शिक्षकों व कर्मियों को प्रान नम्बर मिलता है। प्रान पर ही शिक्षकों के वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती होती है और इसी के समकक्ष राज्य सरकार भी शिक्षकों के खाते में धनराशि जमा कराती है। लेकिन यह कटौती तभी हो सकती है जब शिक्षक या कर्मचारी के पास प्रान नंबर हो।  

डीआईओएस कार्यालय की ओर से शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से चार पेज का फार्म भरवाया गया। फिर भी 150 से अधिक शिक्षकों को अब तक प्रान नंबर नहीं मिला। डीआईओएस कार्यालय के अनुसार वर्ष 2005 के बाद से अब तक जिले के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 556 शिक्षक व कर्मी नियुक्त हुए हैं। इनमें से मार्च 2022 तक 450 को ही प्रान नंबर मिला है।

वहीं उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह का आरोप है कि प्रान नंबर आवंटन के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जिले में वर्ष 2019 के बाद से आयोग से चयनित होकर आने करीब 200 शिक्षकों को अभी तक प्रान नंबर नहीं मिला है। ऐसे शिक्षकों के साथ यदि कोई अनहोनी होती है तो उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।

50 अनुदानित माध्यमिक स्कूलों में वर्ष 2005 के बाद 556 शिक्षक व कर्मी हुए नियुक्त
जिले में 50 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन अनुदानित विद्यालयों में 1320 शिक्षक, प्रधानाचार्य व शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्ष 2005 के बाद से जनपद के अनुदानित विद्यालयों में तदर्थ या उप्र माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से चयनित होकर कुल 556 शिक्षक नियुक्त हुए हैं।

जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र कुमार पाण्डेय का कहना है कि 450 शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों को प्रान नंबर आवंटित किये जा चुके हैं। शेष को प्रान नंबर देने की प्रक्रिया तेजी से गतिमान है। वहीं वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक वीरेश कुमार वर्मा का कहना है कि फार्म जमा होने के एक सप्ताह में प्रान नम्बर देने की व्यवस्था है।

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