केकड़ी में जैन समुदाय ने 'सम्मेद शिखर जी बचाओ आंदोलन' के तहत निकाली रैली
जिले के केकड़ी में जैन समाज ने आज बंद को समर्थन देते हुए सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन को मांस मदिरा मुक्त पवित्र ' जैन तीर्थस्थल ' घोषित करने की मांग करते हुए पर्यटन एवं वन्य अभ्यारण्य अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है।
अजमेर। जैन समुदाय द्वारा सम्मेद शिखर जी बचाओ आंदोलन के तहत राष्ट्र व्यापी बंद में आज अजमेर जिले के केकड़ी में जैन समुदाय ने अपनी दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान तथा व्यापार पूरी तरह से बंद रखा। झारखंड राज्य के गिरडीह जिले के मधुबन स्थित जैन समाज की आस्था के केंद्र तथा सर्वाधिक धार्मिक पर्वत पारसनाथ पर्वतराज को झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने इसे वन्य जीव अभ्यारण्य तथा पर्यटक स्थल घोषित करते हुए अधिसूचना जारी की है।
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इसी का विरोध पूरे देश का दिंगबर एवं श्वेताम्बर जैन समाज बल्कि दोनों पंथो के मुनिराज भी व्यापक विरोध कर रहे हैं। विरोध की आवाज़ लोकसभा में भी गूंजी है। जिले के केकड़ी में जैन समाज ने आज बंद को समर्थन देते हुए सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन को मांस मदिरा मुक्त पवित्र ' जैन तीर्थस्थल ' घोषित करने की मांग करते हुए पर्यटन एवं वन्य अभ्यारण्य अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है।
केकड़ी में जैन समुदाय जैन मंदिर पर एकत्रित होकर रैली के रूप में उपखंड कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तथा केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के नाम ज्ञापन दिया। उल्लेखनीय है कि अजमेर में भी सम्मेद शिखर जी बचाओ को लेकर विरोध और रैली का आयोजन हो चुका है और आज देश के अधिकांश राज्यों एवं जिलों में बंद का आयोजन किया जिनमें जैन प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध किया गया।
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