जम्मू कश्मीर: निष्पक्षता के लिए कदम उठाए जाने के साथ ही SSB भर्ती परीक्षा पटरी पर लौटी
जम्मू। हाल में गड़बड़ियों का शिकार होने के बाद सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) द्वारा कुछ नये उपाय करने के साथ ही जम्मू कश्मीर में भर्ती प्रक्रिया पटरी पर लौट आयी है। बोर्ड ने पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए तृतीय पक्ष से ऑडिट कराने और निम्न क्षमता वाले जैमर लगाने समेत कुछ नये कदम उठाये हैं।
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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अगुवाई वाले जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पुलिस उपनिरीक्षकों, कनिष्ठ अभियंताओं , वित्त लेखा सहायकों के पदों से जुड़ी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य कदाचारों के आरोप लगने के बाद जुलाई में इन परीक्षाओं को रद्द कर दिया था।
केंद्रीय अन्वेषषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू कश्मीर प्रशासन के अनुरोध पर उपनिरीक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में तीन अगस्त को मामला दर्ज किया था और वह इसकी जांच कर रही है। वह 12 नवंबर को एक बीएसएफ कमांडेंट समेत 24 लोगों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल भी कर चुकी है।
ये लोग घोटाले में कथित रूप से शामिल होने को लेकर गिरफ्तार किये गये हैं। एसएसबी अध्यक्ष का पदभार गत मई में संभालने वाले राजेश शर्मा ने कहा, ‘‘ हमने पारदर्शिता एवं जवाबदेही मजबूत करने के लिए कई नये कदम उठाये हैं और कई महीनों के अंतराल के बाद लिखित परीक्षा का आयोजन करना शुरू किया है।’’
सरकारी भर्ती एजेंसी एसएसबी ने पुलिस उपनिरीक्षकों की भर्ती के लिए मार्च में लिखित परीक्षा आयोजित की थी जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। शर्मा ने कहा कि बोर्ड ने बागवानी विभाग ने 148 रिक्तियों तथा कनिष्ठ स्टेनोग्राफर के 217 पदों को भरने के लिए 29 नवंबर को दो पालियों में परीक्षाएं आयोजित कीं।
उन्होंने कहा कि उसके बाद जलशक्ति विभाग में 163 तक पदों को भरने के लिए पांच और छह दिसंबर को कनिष्ठ अभियंताओं की लिखित परीक्षा आयोजित की गयी।
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