सावधान: शरीर में cholesterol का स्तर बढ़ा रहना हो सकता है genetic disease का लक्षण
सियामकॉन -2022 में आनुवंशिक बीमारियों की जांच का तरीका सीखने को जुटे विशेषज्ञ
लखनऊ, अमृत विचार । जब बीमारी पता चलेगी,तभी बेहतर इलाज हो सकेगा। बिना बीमारी के जानकारी के कोई भी चिकित्सक इलाज नहीं कर सकता। इसलिए बीमारी का सटीक पता लगाना जरूरी है। यह कहना है यूएसए के डॉ.पंकज अग्रवाल का। वह शुक्रवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित सोसाइटी फॉर इंडियन एकेडमी ऑफ मेडिकल जेनेटिक्स (सियामकॉन - 2022 ) के 7वें वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने लखनऊ पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि भारत में बहुत से परिवारों के सदस्यों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा रहता है। जो आगे चलकर दिल के दौरे की वजह बनता है। ऐसे परिवारों के सदस्यों के शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर का बढ़े रहना आनुवंशिक हो सकता है। जिसकी जानकारी जीनोम सिक्वेशिंग के जरिये पता की जा सकती है। बीमारी की सही जानकारी होने पर इलाज भी संभव है।
अचानक बच्चे की मौत हो जाना हो सकता है सीजर डिसआर्डर
डॉ.पंकज अग्रवाल ने बताया कि बहुत से बच्चे बहुत कमजोर होते हैं उनकी मांसपेशियां मजबूत नहीं होती। इस तरह के बच्चे में आनुवंशिक कारण जिम्मेदार होते हैं। इसके अलावा बहुत से बच्चों को सांस लेने में दिक्कत आती है। वह खाना नहीं खा पाते। यह सीजर डिसआर्डर बीमारी के लक्षण हैं। इस बीमारी में कई बार बच्चों की अचानक मौत हो जाती है। इस तरह के बीमारियों में जीनोम सिक्वेशिंग के माध्यम से 40 से 50 फीसदी मरीजों में बीमारी के कारण का सटीक पता लगाया जा सकता है।
दिल की बीमारी का परिवार में रहा हो इतिहास तो जरूर करायें जांच
यूके स्थित द जिनोमिक मेडिसिन फाउंडेशन के प्रमुख प्रो. धावेंद्र कुमार ने बताया कि यदि परिवार में किसी भी सदस्य के दिल का दौरा पड़ने का इतिहास रहा हो या फिर अचानक किसी की मौत हुई हो गई हो। तो ऐसे परिवारों के सदस्यों को दिल के बीमारी की समस्या आनुवंशिक हो सकती है। जिससे उन्हें हमेशा सावधान रहना चाहिए। इसके लिए जेनेटिक विशेषज्ञ से सलाह लेकर जांच करानी चाहिए। इसके अलावा ऐसे परिवारों में गर्भवती महिला का ब्लड सेंपल लेकर गर्भ में पल रहे बच्चे के दिल के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है। इसके लिए नॉन एनबेसिव प्री नेटल टेस्ट होता है। यह टेस्ट जब किया जाता है जब महिला दस से 12 हप्ते की गर्भवती हो उस समय उसका ब्लड सेंपल लेकर जांच की जाती है। इस टेस्ट से एरेदमिया बीमारी का पता भी लगाया जा सकता है। यह बीमारी दिल से संबंधित बीमारी होती है और इससे व्यक्ति की अचानक मौत भी हाे सकती है।
लिवर में अनियंत्रित एंजाइम से भी बढ़ सकता है कोलेस्ट्रॉल का स्तर
प्रो. धावेंद्र कुमार ने बताया कि लिवर में एक एंजाइम होता है जिसे एचएमजीसीओए नाम दिया गया है। इसके अनियंत्रित होने पर भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है और दिल की बीमारी का कारण बनता है।
अचानक हो मौत तो जरूर करायें मालिक्यूलर ऑटोप्सी
प्रो. धावेंद्र कुमार ने बताया कि खेलते या फिर जिम करते यदि किसी की मौत हो जाये तो परिवार से बात कर उसकी मलिक्यूलर आटोप्सी जरूर करानी चाहिए। यह डीएनए जांच होती है। इसमें मृतक के शरीर से रक्त का नमूना लेकर डीएनए सिक्वेशिंग कराई जाती है। ऐसे 30 प्रतिशत केस में आनुवंशिक कारणों का सही-सही पता चल सकता है। जिससे उस परिवार के आने वाली पीढ़ियों को बीमारी से बचाया जा सकता है।
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