भारत की विमानन सुरक्षा रैंकिंग को बरकार रखने, सुधार करने की चुनौती: डीजीसीए प्रमुख
नई दिल्ली। भारतीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) विमानन सुरक्षा रैंकिंग में देश को अबतक का सबसे ऊंचा स्थान मिलने के बाद डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने रविवार को कहा कि अब इस रैकिंग को बरकरार रखने और इसमें आगे सुधार करने की चुनौती है।
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उन्होंने हवाई सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में और सुधार करने पर जोर दिया। यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब कोविड-19 महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित होने के बाद विमानन क्षेत्र धीरे-धीरे फिर कोविड-पूर्व स्तर की ओर आगे बढ़ रहा है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारी ने बताया कि आईसीएओ की वैश्विक विमानन सुरक्षा रैंकिंग में भारत 48वें स्थान पर पहुंच गया है। चार साल पहले देश 102वें स्थान पर था। उन्होंने कहा कि रैंकिंग में सिंगापुर शीर्ष पर है, उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और दक्षिण कोरिया का स्थान है।
इस सूची में चीन 49वें स्थान पर है। कुमार ने कहा कि नियामक ने भारत की सुरक्षा रैंकिंग को बेहतर बनाने के लिए अथक परिश्रम किया है और इसके परिणाम सामने हैं। उन्होंने बताया, उड़ान सुरक्षा के लिए एक मजबूत सुरक्षा निरीक्षण प्रणाली अनिवार्य है।
डीजीसीए टीम ने विमानन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अथक परिश्रम किया है। हम अबतक की सबसे ऊंची रैंकिंग पर हैं, और अब चुनौती इसे बनाए रखने और आगे सुधार करने की है। उम्मीद है कि आईसीएओ आने वाले हफ्तों में भारत की रैंकिंग के बारे में औपचारिक रूप से जानकारी देगा। इस रैंकिंग में कुल 187 देश शामिल हैं। भारत और जॉर्जिया 85.49 प्रतिशत अंक के साथ 48वें स्थान पर हैं। पड़ोसी पाकिस्तान को 70.39 प्रतिशत अंक मिले।
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