लखनऊ के इतिहास में जुड़ी नई उपलब्धि, स्वच्छ वायु सर्वेछण की नेशनल रैकिंग में मिला पहला स्थान

- मेयर संयुक्ता भाटिया को मिला सम्मान के रूप में डेढ़ करोड़ का चेक
- अमृत विचार से बातचीत में मेयर ने लखनऊ वासियों की तय की बड़ी जिम्मेदारी
- मेयर ने कहा रैंक को मजबूती से बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी
- प्रदूषण रोकने में सभी का सहयोग जरूरी
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ ने नेशनल क्लीन एयर सिटी कैटेगरी में बड़े आबादी वाले शहरों सहित देश भर में सर्वोत्तम रैंकिंग हासिल करते हुए नंबर 1 स्थान प्राप्त किया है। इस संबंध में लखनऊ की प्रथम महिला व महापौर संयुक्ता भाटिया को उड़ीसा के भुवनेश्वर शहर में बीते शनिवार को डेढ़ करोड़ रुपये की सहायता राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया। बता दें कि भारत सरकार द्वारा देशभर में कराये गए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 की ओवरआल रैंकिंग में लखनऊ शहर ने देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त कर बड़े-बड़े शहरों को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश के तीन शहरों ने टॉप 3 पर कब्जा कर लिया है। इनमें राजधानी लखनऊ ने पहला स्थान हासिल किया है। नेशनल क्लीन एयर सिटी कैटेगरी में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में प्रयागराज को दूसरा और वाराणसी नगर निगम को तीसरा स्थान मिला है।
मेयर संयुक्ता भाटिया को ये सम्मान ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव, राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, राज्यपाल गणेशी लाल, नगर आयुक्त को इन्द्रजीत सिंह की मौजूदगी में पुरस्कृत किया। दरअसल नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत देशभर के शहरों का अलग-अलग बिंदुओं पर सर्वे किया गया था। टीम के सदस्यों ने प्रदूषण का अध्ययन करने के लिए आंकड़ों के साथ आम लोगों से भी बातचीत की। सड़कों के गड्ढे भरने से लेकर सफाई और ऐसे बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की गई थी।
जनसंख्या के आधार पर शहरों की तीन श्रेणियां
जनसंख्या के आधार पर शहरों की तीन श्रेणियां तय की गई थी. अधिक आबादी वाले शहरों में कुल 200 अंकों में से लखनऊ को 177.6 प्रयागराज को 174.9 और वाराणसी को 173.8 अंक मिले. तीन से दस लाख की आबादी वाले शहरों में 176.2 अंकों के साथ मुरादाबाद पहले और फिरोजाबाद 166.5 दूसरे स्थान पर रहा. इस श्रेणी में महाराष्ट्र के अमरावती को 165 अंकों के साथ तीसरा स्थान मिला.
123 शहरों ने प्रस्तुत की अपनी रिपोर्ट
सर्वेक्षण में देश भर में कुल 123 शहरों ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. वर्ष 2019-20 से 2021-2022 तक औसत परिवेश पीएम-10 एकाग्रता को 31 प्रतिशत कम करने और बायोमास और ठोस कचरे को जलाने से रोकने के लिए की गई कार्रवाई पर उच्च स्कोरिंग के लिए डेढ़ करोड़ की राशि भेंट की गई।