SC ने Uniform Health Standards निर्धारित करने के मामले में केंद्र और राज्यों से मांगा जवाब
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है, जिसमें नैदानिक प्रतिष्ठान अधिनियम (सीईए), 2010 के प्रावधान अपनाकर संविधान के अनुरूप नागरिकों के लिए समान स्वास्थ्य मानक (Uniform Health Standards) निर्धारित करने की अपील की गई है। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों को अपने-अपने जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट जन स्वास्थ्य अभियान, पेशेंट्स राइट्स कैंपेन और के.एम. गोपाकुमार की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए अधिनियम के सभी प्रावधानों के साथ-साथ नैदानिक प्रतिष्ठान नियमावाली, 2012 लागू करने के लिए दिशा-निर्देश देने की अपील की गई है।
याचिका में अपील की गई है कि सीईए की धारा 11 व 12 और नैदानिक प्रतिष्ठान नियमावली के नियम 9 में दी गई शर्तों के अनुसार नैदानिक प्रतिष्ठानों के पंजीकरण के लिए न्यूनतम मानकों का पालन, सर्जरी और सेवाओं के लिए दरों का प्रदर्शन, मानक उपचार प्रोटोकॉल के अनुपालन जैसी शर्तों के बारे में अधिसूचना और कार्यान्वयन के लिए निर्देश दिए जाएं।
याचिका में यह निर्देश देने की भी अपील की गई है कि एक उपयुक्त कानून के जरिए सीईए की खामियां दूर किए जाने तक जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र बनाया जाए। जनहित याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है; हालांकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं कर रही है और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में केवल 30 प्रतिशत रोगियों का इलाज किया जाता है, जबकि बाकी का इलाज निजी स्वास्थ्य केंद्रों में होता है।
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