SEBI के पंजीकृत बाजार मध्यस्थों के लिए उद्योग का दर्जा चाहते हैं शेयर ब्रोकर
नई दिल्ली। शेयर ब्रोकरों के संगठन एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) ने आम बजट से पहले सरकार से सेबी के पास पंजीकृत मध्यस्थ इकाइयों को उद्योग का दर्जा देने की मांगी है। साथ ही संघ ने प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) एवं जिंस लेनदेन कर (सीटीटी) को पूरी तरह से समाप्त करने का आग्रह किया है।
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इसके अलावा एएनएमआई ने एक लाख रुपये तक के लधु अवधि के पूंजीगत लाभ पर कर छूट की मांग की है और लाभांश पर कर की सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है। करीब 900 ब्रोकरों के समूह एएनएमआई ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता को आगामी बजट के लिए भेजे सुझावों में सेबी-पंजीकृत बाजार मध्यस्थों के लिए उद्योग का दर्जा मांगा है। इस कदम से बाजार मध्यस्थों पर अवांछित अंकुश हट सकेंगे।
इससे वैश्विक स्तर की वित्तीय सेवा कंपनियों को बनाने में मदद मिलेगी। एएनएमआई का मानना है कि एसटीटी और सीटीटी को पूरी तरह समाप्त करने का मामला बनता है। उसने कहा कि भारत की एकमात्र देश है जहां डेरिवेटिव्स और जिंस खंड में एसटीटी और सीटीटी शुल्क लगाया जाता है।
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