एक व्यक्ति का मौलिक कर्तव्य, दूसरे व्यक्ति का मौलिक अधिकार सुनिश्चित करता है: प्रह्लाद जोशी
नई दिल्ली। संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभी को समान अवसर सहित मूलभूत अधिकार सुनिश्चित करने में भारत के संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए शुक्रवार को कहा कि एक व्यक्ति का मौलिक कर्तव्य दूसरे व्यक्ति का मौलिक अधिकार सुनिश्चित करता है।
जोशी ने 26 नवंबर को मनाये जाने वाले संविधान दिवस को समर्पित दो पोर्टल के नये एवं उन्नत रूप का डिजिटल माध्यम से लोकार्पण करते हुए यह बात कही। इसमें पहला पोर्टल ऑनलाइन माध्यम से संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने से संबंधित हैं और दूसरा ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता से संबंधित हैं जिसे संसदीय मामलों के मंत्रालय ने तैयार किया है।
संसदीय मामलों के मंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया गया था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर वर्ष 2015 से इस महत्वपूर्ण दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाना शुरू हुआ । उन्होंने कहा कि हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समान अवसर जैसे अधिकार इस संविधान के कारण ही मिल पाए हैं । जोशी ने कहा, हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि एक व्यक्ति का मौलिक कर्तव्य दूसरे व्यक्ति का मौलिक अधिकार सुनिश्चित करता है । अगर हम अपने कर्तव्य को ठीक ढंग से पूरा करेंगे तो लोगों के अधिकार सुनिश्चित होंगे ।
उन्होंने कहा कि संविधान दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी के लिये दो डिजिटल पोर्टल को नये एवं उन्नत रूप में तैयार किए गए हैं। मंत्री ने बताया कि संविधान की प्रस्तावना को ऑनलाइन माध्यम से 22 राजभाषाओं और अंग्रेजी में पढ़ने की व्यवस्था की गई है। इस पोर्टल पर कोई भी पंजीकरण करा सकता है और इन भाषाओं में से किसी में भी संविधान की प्रस्तावना को पढ़ सकता है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी पोर्टल को भी नये रूप में पेश किया गया है। यह जनभागीदारी के उद्देश्य के साथ एक सरल डिजिटल प्रश्नोत्तरी है, जिसमें भारतीय संविधान, उसमें निहित मौलिक कर्तव्यों के विशेष संदर्भ में, और लोकतंत्र पर बहुत ही सरल और बुनियादी प्रश्न शामिल हैं।
कोई भी इस प्रश्नोत्तरी में भाग ले सकता है और अपना नाम, टेलीफोन नंबर, आयु समूह देते हुए सामान्य रजिस्ट्रेशन के साथ प्रतिभागिता प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकता है। गौरतलब है कि संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है क्योंकि 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। संविधान दिवस की शुरुआत 2015 से की गई थी।
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