‘अगर मैं मुजरिम हूं तो हमें सज़ा सुना दी जाए’…गवर्नर-चुनाव आयोग से बोले CM हेमंत
रांची। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में दोषी पाए जाने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव आयोग ने राज्यपाल के पास सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट भेजी थी। लेकिन अब तक राज्यपाल ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। ये भी पढ़ें- पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डाॅ. कलाम को मिलेगा …
रांची। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में दोषी पाए जाने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव आयोग ने राज्यपाल के पास सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट भेजी थी। लेकिन अब तक राज्यपाल ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
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इसे लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि अगर मैं मुजरिम हूं तो हमें सज़ा सुना दी जाए… अगर मैं गुनहगार हूं और इतने दिनों तक सज़ा नहीं सुनाई जा रही है तो मैं इस पद पर किस हैसियत से बैठा हूं? इसका जवाब उनको देना है।
सीएम ने कहा कि राज्य में बेवजह का बवंडर बनाया जा रहा है। राज्यपाल और चुनाव आयोग के संदर्भ में तो मैं कहूंगा कि यह भारत की पहली घटना होगी कि एक मुख्यमंत्री खुद राज्यपाल महोदय और चुनाव आयोग से हाथ जोड़कर कह रहा है कि वो ही तय करें कि एक मुख्यमंत्री को क्या सज़ा मिलनी चाहिए। सीएम उनसे यह आग्रह कर रहा है।
राज्यपाल ने दिया था अजीबोगरीब बयान
बता दें कि इससे पहले हेमंत सोरेन की सदस्यता को लेकर राज्यपाल रमेश बैस ने बड़ा ही अजीबोगरीब बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि निर्वाचन आयोग ने हमारे पास जो लिफाफा भेजा था, वह लिफाफा चिपक गया है, वो खुल ही नहीं रहा है। राज्यपाल का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था और लोगों ने सवाल पूछा था कि राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति इस प्रकार से असंवैधानिक बयान कैसे दे सकता है।
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