बरेली: मिलावट कर बांट रहे बीमारी, जान प्यारी तो दिखाएं समझदारी

बरेली: मिलावट कर बांट रहे बीमारी, जान प्यारी तो दिखाएं समझदारी

बरेली, अमृत विचार, अनुपम सिंह। जिले के लोगों को अपनी सेहत प्यारी है तो उन्हें खुद ही समझदारी दिखानी होगी। दुकानों से खाद्य पदार्थों की खरीदारी करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। पता नहीं, जिस दूध और रंग- बिरंगी मिठाई, तेल समेत अन्य खाद्य सामग्रियों को आप अपनी सेहत बनाने के लिए खरीद रहे …

बरेली, अमृत विचार, अनुपम सिंह। जिले के लोगों को अपनी सेहत प्यारी है तो उन्हें खुद ही समझदारी दिखानी होगी। दुकानों से खाद्य पदार्थों की खरीदारी करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। पता नहीं, जिस दूध और रंग- बिरंगी मिठाई, तेल समेत अन्य खाद्य सामग्रियों को आप अपनी सेहत बनाने के लिए खरीद रहे हैं, हो सकता है कि उसमें बीमारी मिली हो। ये मिलावट आपको परेशानी में डाल सकती है।

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दरअसल, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विशेष मौकों पर कार्रवाई करता है। जब त्योहार आते हैं तो मिलावट खोर सक्रिय हो जाते हैं। ठीक उसी तरह से विभाग भी अलर्ट हो जाता है, लेकिन त्योहार के बाद विभाग की सक्रियता सुस्ती में बदल जाती है। हालांकि, कभी-कभार विभाग जागरूकता के लिए अभियान चलाकर सैंपल लेता है, लेकिन हकीकत में देखा जाए तो छापामार कार्रवाई से मिलावटखोरों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।

इन दिनों नवरात्र चल रहे हैं। टीम लगातार अभियान चलाकर सैंपल भर रही है। सैंपल भरने वाली खाद्य सामग्रियों में सेंधा नमक से लेकर रिफाइंड, तेल, दूध, पनीर, खोया तक शामिल है। इन खाद्य सामग्रियों में मिलावट का संदेह होने पर ही सैंपल भरे जाते हैं। ऐसे में सवाल इस बात का है कि लोग क्या खाएं और क्या नहीं ? क्योंकि हर वस्तु में तो मिलावट की आशंका है। ऐसे में सावधानी ही आपको मिलावट से बचा सकती है।

इस कार्रवाई से समझें…कैसे बचेंगे बीमारी से

शनिवार को एडीएम सिटी की कोर्ट ने जिले के 38 व्यापारियों पर 75.50 लाख का जुर्माना लगाकर बड़ी कार्रवाई की थी। इसमें बिना लाइसेंस, अधोमानक पाई गईं खाद्य सामग्रियों के मामले शामिल थे। बर्फी, खोया, चीनी, चने की दाल, मावा खोया, भैंस का दूध, पिसी सौंप, पिसी हुई खुली मिर्च, सरसों का तेल, पनीर अधोमानक बेचने पर जुर्माना लगाया गया था। साल दर साल कार्रवाई होती है मगर इसके बाद भी वे बाज नहीं आ रहे हैं।

आने वाले दिनों में और बरतें सावधानी

नवरात्र के बाद दशहरा, फिर करवा चौथ और इसके बाद दीवाली आएगी। यह पर्व लगातार पड़ रहे हैं। इन त्योहारों में मिठाई की खूब खरीदारी होगी। दुकानों पर रसगुल्ले, गुलाब जामुन, मोतीचूर के लड्डू देखकर मुंह में पानी में आ जाता है। बस, तय आपको करना है कि कैसे इनकी पहचान करें।

जानलेवा है मिलावट

जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. राहुल वाजपेयी बताते हैं कि मिलावटी वस्तुएं स्वास्थ्य के लिए न सिर्फ हानिकारक होती हैं बल्कि जानलेवा भी हैं। मिलावटी सामान का उपयोग करने से किडनी, हृदय और आंतों के अलावा पाचन तंत्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे फूड पॉइजनिंग से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

जानें…कैसे होता है मिलावट का खेल

जानकारों के अनुसार, मिलावट सीधे नहीं होती, बल्कि जिस चीज में मिठाई बनती है उसमें ही मिलावट का असली खेल होता है। जैसे दूध, शहद, दाल, मेवा, चीनी में मिलावट की जाती है। मिठाई के ऊपर जो एक चमकदार परत दिखती है वह है, जिसको हम और आप मिठाई के साथ खा लेते हैं। दरअसल, वह एल्यूमिनियम की परत होती है। दूध में पानी, यूरिया, रंग व वांशिग पाउडर मिला देते हैं। मिठाई में चिकनाई के लिए वनस्पति घी के बदले चर्बी मिला देते हैं। मेवे में अरारोट, चीनी मिलाते हैं। दाल में टेलकॅम पाउडर और एस्बेस्टॉस पाउडर तक मिलाते हैं।

अनसेफ मामलाें में लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। मिलावट पर जुर्माना लगाया जाता है। लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। विभाग मिलावट को रोकने के लिए कार्रवाई करता है।- धर्मराज मिश्रा, सहायक आयुक्त खाद्य

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